अमरावती के बेटे जस्टिस गवई बने CJI, माँ ने मेहनत को दिया श्रेय

अमरावती: जस्टिस भूषण गवई की भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्ति उनकी कड़ी मेहनत और गरीबों की सेवा के प्रति समर्पण का प्रमाण है। उनकी माँ कमलताई गवई ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनका बेटा इस पद पर पूर्ण न्याय करेगा। जस्टिस गवई बुधवार को CJI के रूप में शपथ लेंगे, और वे CJI संजीव खन्ना का स्थान लेंगे।
महाराष्ट्र के अमरावती जिले के मूल निवासी जस्टिस गवई, बिहार, केरल और सिक्किम के पूर्व राज्यपाल और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता स्वर्गीय आर.एस. गवई के पुत्र हैं। कमलताई ने कहा, “एक माँ के रूप में, मैं चाहती थी कि मेरे बच्चे अपने पिता के नक्शेकदम पर चलें, समाज की सेवा करें, सभी का सम्मान करें और बिना भेदभाव के न्याय प्रदान करें। भूषण ने कम उम्र से ही कठिन परिस्थितियों का सामना कर इस ऊँचे मुकाम को हासिल किया। यह हमारे लिए संतुष्टि का क्षण है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका बेटा अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प के कारण इस शीर्ष पद तक पहुंचा है।
कमलताई ने बताया कि जस्टिस गवई ने अमरावती के एक साधारण स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। वे सामाजिक कार्य और दान में सक्रिय रहते हैं, जरूरतमंदों को वित्तीय सहायता और अस्पताल खर्च में मदद करते हैं। उन्होंने कहा, “गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा का यह इनाम है।” जस्टिस गवई की छोटी बहन कीर्ति अर्जुन ने कहा, “अमरावती के एक साधारण पृष्ठभूमि वाले बेटे का यह बड़ा पद हासिल करना न केवल गवई परिवार और अमरावती, बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लिए गर्व का क्षण है।” उन्होंने विश्वास जताया कि उनके भाई संवेदनशील और व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की विरासत को आगे बढ़ाएंगे।

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