सेना की वर्दी जातिवादी चश्मे से नहीं देखी जाती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने सेना की वर्दी को जातिवादी दृष्टिकोण से देखने की बात कही थी। योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सेना की वर्दी किसी जाति या धर्म का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रधर्म का प्रतीक है। सेना का प्रत्येक जवान देश की सेवा में समर्पित है और वह किसी विशेष जाति या मजहब का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। उन्होंने कहा कि सेना के जवानों को जाति के दायरे में बांधना उनकी पार्टी की संकुचित सोच को दर्शाता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए सेना जैसे पवित्र संस्थान को भी जातिवाद के चश्मे से देखते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना के जवान देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं और हर मुश्किल परिस्थिति में देशवासियों की सेवा करते हैं। ऐसे में, उन्हें जाति या धर्म के आधार पर देखना न केवल अपमानजनक है, बल्कि देश की एकता और अखंडता के लिए भी हानिकारक है। उन्होंने कहा कि यह वही मानसिकता है जो तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में राष्ट्रभक्ति तक को बांटने का दुस्साहस करती है। एक वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना उनकी पार्टी की संकुचित सोच का प्रदर्शन है।