गर्मी में कार के किस हिस्से का ज़्यादा ख्याल रखें, इन 3 चीज़ों पर ज़रूर ध्यान दें
गर्मी की भीषण तपिश न सिर्फ इंसान के लिए, बल्कि आपकी प्यारी कार के लिए भी समस्या पैदा कर सकती है। अत्यधिक गर्मी में कार के विभिन्न हिस्सों में खराबी आने की संभावना बढ़ जाती है, जो बाद में महँगी मरम्मत का कारण बन सकती है। इसलिए इस समय कार के कुछ खास हिस्सों पर अतिरिक्त ध्यान देना बहुत ज़रूरी है।
आइए जानते हैं गर्मी के मौसम में आपको अपनी कार के किन हिस्सों का ज़्यादा ध्यान रखना चाहिए:
एसी (AC)
गर्मी में कार के एयर कंडीशनिंग सिस्टम को सामान्य से बहुत ज़्यादा काम करना पड़ता है। कई बार इंजन पिस्टन से भी ज़्यादा दबाव एसी पर पड़ता है। यदि उपयोगकर्ता की कार सिर्फ कुछ साल पुरानी है या पहले ही काफी चल चुकी है, तो गर्मी शुरू होने से पहले ही एसी सिस्टम को अच्छी तरह से जाँच करवा लेना बुद्धिमानी है। कूलिंग की समस्या, दुर्गंध या अचानक कंप्रेसर जैसे महत्वपूर्ण हिस्से के खराब होने की समस्या अचानक आ सकती है। कड़ी धूप में पार्क की गई कार के केबिन का तापमान तेज़ी से 60 डिग्री सेल्सियस या उससे भी अधिक हो सकता है। और अगर पहले दिन से ही एसी की सर्विसिंग या रेफ्रिजरेंट की ज़रूरत पड़े, तो उसमें समय बर्बाद होता है और यह असुविधाजनक भी है! इसलिए पहले से रखरखाव करने पर यह परेशानी टाली जा सकती है।
टायर (Tires)
गर्म हवा में आयतन बढ़ता है – इस बारे में आपको ज़रूर पता होगा। और इस सिद्धांत का सीधा असर हमारी कार के टायरों पर पड़ता है। यदि पिच या कंक्रीट जैसी गर्म सतहों पर गाड़ी चलाई जाए, तो टायर का तापमान काफी बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप टायर के भीतर की हवा का आंतरिक दबाव बढ़ता है और वह टायर की दीवारों पर दबाव डालना शुरू कर देती है।
और अगर टायर के रबर में पहले से कोई दरार या कमज़ोर जगह हो, तो अत्यधिक दबाव में टायर फटने की प्रबल संभावना रहती है। खासकर अगर गाड़ी हाईवे पर तेज़ गति से चल रही हो, तो इसकी वजह से बड़ी दुर्घटना हो सकती है। जोखिम से बचने के लिए गर्मी के दिनों में सही टायर प्रेशर बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इंजन (Engine)
अगर कार के इंजन को उसका दिल कहा जाए, तो यह दिल दो महत्वपूर्ण तरल पदार्थों या फ्लूइड्स पर निर्भर है – इंजन ऑयल और कूलेंट। इंजन ऑयल इंजन के पुर्जों को चिकना रखता है, और कूलेंट इंजन के तापमान को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो गर्मी के महीनों में बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। ओवरहीटिंग (Overheating) या अत्यधिक गर्म होने से बचाने के लिए हर दिन कार का कूलेंट लेवल (Coolant Level) जाँच करना चाहिए। यदि कूलेंट का स्तर निर्धारित स्तर से नीचे आ जाए, तो साफ पानी से टॉप-अप करके सही स्तर पर लाना चाहिए।
गर्मी के समय इन महत्वपूर्ण हिस्सों पर थोड़ा अतिरिक्त ध्यान देने पर आपकी गाड़ी जैसे अच्छी रहेगी, वैसे ही आप भी जोखिम मुक्त और आरामदायक यात्रा का आनंद ले पाएंगे।