स्ट्रोक से पहले छोटे-से संकेत! पहचानते ही टल सकता है बड़ा खतरा

स्ट्रोक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जहाँ तुरंत इलाज शुरू करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता। थोड़ी सी भी देरी जान ले सकती है या स्थायी विकलांगता का कारण बन सकती है। हालांकि, कुछ मामलों में, यदि बीमारी के शुरुआती संकेत पहले से मिल जाएं तो बड़े खतरे को टाला जा सकता है।

स्ट्रोक कई प्रकार के होते हैं, लेकिन इस्कीमिक स्ट्रोक की घटनाएँ सबसे ज़्यादा होती हैं।


इस्कीमिक स्ट्रोक: पहचानें शुरुआती संकेत

मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम होने के कारण इस प्रकार का स्ट्रोक होता है। इस स्ट्रोक की एक बड़ी समस्या यह है कि इसके कोई विशिष्ट लक्षण नहीं होते जिन्हें देखकर पहले से सावधानी बरती जा सके।

हालांकि, कुछ सूक्ष्म लक्षण हैं जिन्हें पहचानना अत्यंत ज़रूरी है। इन छोटे-से संकेतों को पकड़ने पर स्थिति को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इस्कीमिक स्ट्रोक आमतौर पर शरीर के एक निश्चित हिस्से को प्रभावित करता है और इसके लक्षण भी उसी तरह से पहचाने जा सकते हैं।


मुख्य लक्षण: हाथ और पैरों की कमज़ोरी

इस प्रकार के स्ट्रोक का सबसे महत्वपूर्ण और प्रारंभिक लक्षण हाथ और पैरों का कमज़ोर या शिथिल हो जाना है। अन्य स्ट्रोक के लक्षण शायद अचानक दिखाई दें, लेकिन यह लक्षण अन्य लक्षणों के सामने आने से पहले ही प्रकट होने लगता है। हाथ-पैर हिलाने में समस्या हो सकती है। कई बार लकवे की शुरुआत भी इसी समय से होती है। कोई काम करते समय हाथ-पैर जैसे बाधा डाल रहे हों, ऐसा महसूस हो सकता है।

हमारे शरीर की सभी प्रकार की गतिविधियों के संकेत मस्तिष्क से आते हैं। जब मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम होने लगता है, तो इसका असर मांसपेशियों पर भी पड़ता है। मांसपेशियाँ धीरे-धीरे सख्त होने लगती हैं। इसके परिणामस्वरूप हाथ-पैर हिलाने में भी समस्या महसूस होती है।

यदि आप इस तरह की कोई समस्या महसूस करते हैं, तो उसी क्षण चिकित्सक से संपर्क करना ज़रूरी है। इस स्थिति में थोड़ा भी इंतज़ार करना बड़ा खतरा मोल लेना हो सकता है। त्वरित उपचार शुरू करने से स्ट्रोक के गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। इसलिए, अपने शरीर के प्रति सचेत रहें और ज़रा भी असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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