अग्नि-६ की शक्ति! १२,००० किमी रेंज की मिसाइल से भारत की विश्व विजय

भारत की रक्षा क्षमता अग्नि-६ अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के साथ नई ऊंचाइयों पर पहुँच गई है, जिसकी रेंज ८,००० से १२,००० किलोमीटर है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित की जा रही यह मिसाइल भारत को दुनिया की शीर्ष महाशक्तियों की कतार में ले आई है।

अग्नि-६ की सबसे उल्लेखनीय विशेषता इसकी MIRV (मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल) तकनीक है, जो एक साथ १० विभिन्न लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है। इसकी विशाल रेंज के कारण अमेरिका, यूरोप, चीन, रूस और ऑस्ट्रेलिया जैसे दूरस्थ क्षेत्र भी इसकी पहुँच में हैं। इस मिसाइल ने भारत की रणनीतिक प्रतिरोधक क्षमता को नया आयाम दिया है, जिससे विश्व मंच पर देश का प्रभाव बढ़ा है।


अग्नि श्रृंखला का महत्व


अग्नि श्रृंखला भारत की रक्षा प्रणाली की रीढ़ बन गई है। अग्नि-१ से अग्नि-५ तक की इस श्रृंखला की मिसाइलें पहले ही सेना में तैनात की जा चुकी हैं, जहाँ अग्नि-१ की रेंज ९००-१,२०० किमी और अग्नि-५ की रेंज ५,००० किमी से अधिक है। अग्नि-६, जो विकास के अंतिम चरण में है, को भारत की मिसाइल प्रौद्योगिकी की शीर्ष उपलब्धि माना जा रहा है। यह सिर्फ रक्षा का एक हथियार नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक शक्ति और वैश्विक प्रभाव का प्रतीक है। इस मिसाइल के सफल विकास ने भारत को दुनिया की प्रमुख सैन्य शक्तियों के बराबर खड़ा कर दिया है।

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