कच्चा या उबला हुआ, किस तरह का चुकंदर खाना शरीर के लिए ज्यादा फायदेमंद है, यहाँ देखें
कच्चा या उबला हुआ चुकंदर: चुकंदर को सुपरफूड कहा जाता है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। दुनिया भर में लोग इसे खाना पसंद करते हैं। अक्सर मन में यह सवाल उठता है कि कच्चा या उबला हुआ चुकंदर ज्यादा फायदेमंद है? आइए जानते हैं।
चुकंदर सिर्फ खून ही नहीं बढ़ाता, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता, रक्त संचार और ऊर्जा के स्तर में भी सुधार करता है। सवाल यह है कि चुकंदर कच्चा खाएं या उबालकर?
आइए जानते हैं दोनों तरह के पोषक तत्व और फायदे।
चुकंदर खाने के फायदे
चुकंदर कम कैलोरी और उच्च फाइबर वाला भोजन है, जो वजन कम करने में मदद करता है। इसमें फोलेट (विटामिन बी9), आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी होता है। फोलेट शरीर में होमोसिस्टीन का स्तर कम करता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है।
कच्चे चुकंदर में क्या है?
पोषक तत्व (100 ग्राम में): कैलोरी – 43, कार्ब्स: 9.6 ग्राम, फाइबर: 2.8 ग्राम, चीनी: 6.8 ग्राम, प्रोटीन: 1.6 ग्राम, पोटैशियम: 325 मिलीग्राम, आयरन: 0.8 मिलीग्राम, फोलेट: 109 मिलीग्राम, विटामिन सी: 4.9 मिलीग्राम
चुकंदर खाने के फायदे
चुकंदर खाने से पाचन बेहतर होता है। फोलेट कोशिका वृद्धि और हृदय के स्वास्थ्य का समर्थन करता है। विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता और त्वचा के लिए फायदेमंद है। बीटालेन एंटीऑक्सीडेंट सूजन को कम करता है। प्राकृतिक नाइट्रेट रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं और सहनशक्ति बढ़ाते हैं।
उबले हुए चुकंदर में क्या है?
पोषक तत्व (100 ग्राम में):
कैलोरी: 44
कार्ब्स: 10.0 ग्राम
फाइबर: 2.0 ग्राम
प्रोटीन: 1.6 ग्राम
आयरन: 0.8 मिलीग्राम
पोटैशियम: 300 मिलीग्राम
फोलेट: 80-100 माइक्रोग्राम
उबला हुआ चुकंदर खाने के फायदे
आवश्यक खनिज (आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम) बने रहते हैं। उबालने से विटामिन सी थोड़ा कम हो जाता है लेकिन नाइट्रेट रहते हैं। इसके साथ फोलेट होता है जो मस्तिष्क और कोशिकाओं की मरम्मत के लिए आवश्यक है। उबला हुआ चुकंदर पचाने में आसान होता है और बुजुर्गों के लिए एक अच्छा विकल्प है।
कौन सा ज्यादा पौष्टिक – कच्चा या उबला हुआ चुकंदर?
विशेषज्ञों के अनुसार, कच्चा चुकंदर पोषण के लिहाज से ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें विटामिन सी ज्यादा होता है। एंटीऑक्सीडेंट नष्ट नहीं होते हैं।
नाइट्रेट पूरी तरह से बने रहते हैं। हालांकि, उबला हुआ चुकंदर भी स्वस्थ होता है, खासकर अगर कम पानी में और ज्यादा देर तक न उबाला जाए।