घुटने के दर्द से पाएं मुक्ति, बुढ़ापे में नी रिप्लेसमेंट से बचने के लिए अपनाएं ये सावधानियां

नई दिल्ली: यदि आपकी उम्र 30 से 40 वर्ष के बीच है और अभी से घुटनों में दर्द शुरू हो गया है, तो यह भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। मैक्स अस्पताल के हड्डी रोग विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. अखिलेश यादव कहते हैं, “घुटने के दर्द का मुख्य कारण विटामिन डी और कैल्शियम की कमी है, लेकिन मेनिस्कस फटना या बर्साइटिस जैसी समस्याएं भी जिम्मेदार हो सकती हैं।” मेनिस्कस, पिंडली और जांघ की हड्डी के बीच शॉक एब्जॉर्बर का काम करता है।

अचानक मुड़ने या अधिक वजन के दबाव से यह फट सकता है, जिससे लंबे समय तक दर्द बना रहता है। बर्साइटिस या बर्सा थैली में सूजन भी घुटने के दर्द का कारण है। यह तरल पदार्थ से भरी थैली घुटने के जोड़ में टेंडन और लिगामेंट की आसान आवाजाही सुनिश्चित करती है। खेलकूद, विशेष रूप से स्कीइंग, साइकिलिंग या कूदने के दौरान पटेला टेंडिनाइटिस हो सकता है, जिससे टेंडन में सूजन आ जाती है। डॉ. यादव की सलाह है, “सबसे पहले विटामिन डी और कैल्शियम के स्तर की जांच कराएं। कमी होने पर डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट लें और पूरा कोर्स करें।” ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां कमजोर होने पर घुटने के दर्द का जोखिम बढ़ता है।

घुटने का दर्द रोकने के लिए क्या करें

  1. वजन नियंत्रण: अतिरिक्त वजन घुटने के जोड़ों पर दबाव डालता है। नियमित रूप से वजन कम करने का प्रयास करें।
  2. नियमित व्यायाम: घुटनों को मजबूत करने के लिए क्वाड्रिसेप्स और हैमस्ट्रिंग का व्यायाम करें। तैराकी या योगा फायदेमंद है।
  3. सही मुद्रा: बैठने, चलने या खड़े होने के दौरान सही मुद्रा बनाए रखें।
  4. कुशनिंग वाले जूते: अच्छी कुशनिंग वाले जूते घुटने पर दबाव कम करते हैं।
  5. एंटी-इंफ्लेमेटरी आहार: ओमेगा-3 से भरपूर मछली, फल, सब्जियां (जैसे ब्रोकली, पालक) खाएं।
  6. पर्याप्त आराम: रोजाना 7-8 घंटे सोएं और अत्यधिक शारीरिक तनाव से बचें।

डॉ. यादव कहते हैं, “घुटने के दर्द को रोकने में जीवनशैली में बदलाव ही मुख्य कुंजी है। युवावस्था में सतर्क रहने पर बुढ़ापे में घुटने बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।” यह सावधानियां लंबे समय तक घुटनों को स्वस्थ रखेंगी और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेंगी।

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