आकाश से सीमा पर कड़ी निगरानी से देश सुरक्षित: इसरो चेयरमैन
कोलकाता: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का राज क्या है? इसरो के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने इसकी सफलता की तस्वीरें सबके सामने आने के बावजूद इसकी सफलता का रहस्य उजागर नहीं किया। उन्होंने केवल इतना कहा, “हम लगातार सीमा पर नजर रख रहे हैं। मैं बस इतना कह सकता हूं, भारत सुरक्षित है।” डॉ. नारायणन गुरुवार को कोलकाता के साइंस सिटी में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे, उसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीकानेर से गरज रहे थे। कोलकाता की धरती पर खड़े होकर डॉ. नारायणन ने कहा, “देश की सुरक्षा देश की रणनीति का विषय है। इन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं बताया जा सकता। बस इतना जान लीजिए कि हम अपनी सीमाओं पर लगातार कड़ी नजर रख रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कड़ी चौकसी थी। देश के लोगों की सुरक्षा के लिए जो भी आवश्यक था, हमने किया।”
नवजागरण के अग्रदूत राजा राममोहन राय की 253वीं जयंती के अवसर पर दक्षिण कोलकाता के राममोहन मिशन स्कूल के वार्षिक समारोह में इसरो चेयरमैन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। वहीं देश की सुरक्षा का मुद्दा उठा। इसरो चेयरमैन ने दृढ़ता से कहा, “पाकिस्तान सहित देश की सभी सीमाओं पर 11,500 किलोमीटर की सीमा की इसरो लगातार निगरानी कर रहा है। मैं फिर दोहराता हूं, देश का हर नागरिक सुरक्षित है।” अगर त्रिस्तरीय सेना देश की सुरक्षा की मुख्य प्रहरी है, तो इसरो वह सहयोगी है जिसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंतिम सफलता दिलाई। क्योंकि आतंकवादियों के घरों में घुसकर मिसाइल हमला सफलतापूर्वक करना संभव होने के पीछे देश की यह अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था ही मुख्य शिल्पकार थी। विगत दो-तीन वर्षों में अंतरिक्ष में भेजे गए उनके कम से कम 100 उपग्रहों ने आतंकवादियों की सटीक स्थिति का पता लगाया, जिनमें से 56 इस समय देश के कोने-कोने पर ऊपर से सीधी नजर रख रहे हैं।
विशेष रूप से पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों की सीमाओं पर कड़ी नजर रखी जा रही है। किसी ने इसकी तुलना ‘मेघनाद’ से की है। कुछ लोग निशाचर उल्लू की दृष्टि और उसके शांत पंखों की बात करते हैं। उल्लू ही एकमात्र शिकारी पक्षी है, जो कान के पास से उड़ने पर भी हवा में अपने पंखों की आवाज नहीं करता। इसरो के सहयोग से ठीक उसी विधि से भारतीय सेना ने अपनी सीमा के भीतर रहकर पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों और पाकिस्तानी सेना के अड्डों को नष्ट किया है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ. नारायणन, जो 1988 में खड़गपुर आईआईटी के छात्र थे, ने इस कार्यक्रम में बार-बार स्पष्ट किया कि देश सुरक्षित हाथों में है। राममोहन मिशन के अध्यक्ष सुजॉय विश्वास ने उन्हें राममोहन आचार्य सम्मान प्रदान किया। रामकृष्ण मठ और मिशन के सुवर्णानंद महाराज सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित थे। इस कार्यक्रम के दौरान, रामकृष्ण मिशन के महाराज ने इसरो के योगदान के लिए उनके चेयरमैन का दाहिना हाथ लेकर अपने सिर पर रखा।