टी बैग वाली चाय से हो सकता है कैंसर! एक क्लिक में जानें सच्चाई
सुबह की शुरुआत हो या दफ्तर में थकान भरी शाम, एक कप चाय तन और मन दोनों को तरोताजा कर देती है। आजकल आसानी और जल्दी चाय बनाने के लिए टी बैग का इस्तेमाल खूब होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजाना टी बैग से बनी चाय पीने की आदत अनजाने में कई खतरों को न्योता दे रही है? इससे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को नुकसान हो रहा है।
शोध बताते हैं कि टी बैग की बनावट, गुणवत्ता और रासायनिक प्रक्रियाएं शरीर के लिए हानिकारक हो सकती हैं। साथ ही यह पर्यावरण प्रदूषण भी बढ़ाते हैं। नियमित रूप से टी बैग के इस्तेमाल से लंबे समय में गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकते हैं।
माइक्रोप्लास्टिक का खतरा
ज्यादातर टी बैग ब्लॉटिंग पेपर, सिंथेटिक फाइबर और पॉलीप्रोपाइलीन के मिश्रण से बनते हैं। वहीं, कुछ ब्रांड सिल्क या नायलॉन जैसे दिखने वाले प्लास्टिक से टी बैग बनाते हैं। गर्म पानी में डुबोते ही इन तत्वों से माइक्रोप्लास्टिक निकलकर शरीर में प्रवेश कर आंतों में जमा होने लगता है। यह शरीर की कोशिकाओं में सूजन पैदा कर सकता है और लिवर व किडनी पर दबाव डालता है।
कैंसर का खतरा
कुछ टी बैग्स को सफेद या चमकदार बनाने के लिए एपिक्लोरohydrin नामक रसायन का इस्तेमाल किया जाता है, जो शरीर में कैंसर पैदा कर सकता है। गर्म पानी में भिगोने के बाद यह तत्व चाय में घुल जाता है। लंबे समय तक इस रसायन के शरीर में जाने से खतरा बढ़ सकता है।
निम्न गुणवत्ता वाली चाय पत्ती
टी बैग के अंदर आमतौर पर कारखानों में चाय प्रसंस्करण के दौरान छानी गई बारीक धूल या फैनिंग नामक चाय का पाउडर होता है। इसमें चाय की गुणवत्ता काफी कम होती है। अत्यधिक संसाधित और कृत्रिम स्वाद व सुगंध मिली ऐसी चाय शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।
पर्यावरण प्रदूषण
टी बैग के प्लास्टिक घटक सिर्फ शरीर को ही नहीं, पर्यावरण को भी प्रभावित कर रहे हैं। ये आसानी से मिट्टी में नहीं मिलते और लंबे समय तक मिट्टी व जल प्रदूषण का कारण बनते हैं। ये टी बैग्स प्लास्टिक कचरे का एक और स्रोत बन रहे हैं।
तो क्या है इसका विकल्प?
- जैविक चाय या खुली चाय पत्ती का उपयोग करें। चाय को स्टील या सिलिकॉन छलनी से छानकर पिएं।
- कंपोस्टेबल या जैविक टी बैग खरीदें, जो प्लास्टिक मुक्त और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं।
टी बैग से बनी चाय शरीर और पर्यावरण दोनों को खामोशी से नुकसान पहुंचा रही है। रोजमर्रा की आदतों में थोड़ी सी सावधानी आपको बड़े खतरे से बचा सकती है।