मिसाइल युद्ध में कौन आगे? शीर्ष 8 देशों की शक्ति!

विश्व की सैन्य शक्ति के मामले में मिसाइल प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण संकेतक है। चाहे बैलिस्टिक, क्रूज या अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल (ICBM) हों, ये न केवल रक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि युद्ध के मैदान में भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और भारत सहित कई देश अपनी उन्नत मिसाइल प्रौद्योगिकी के माध्यम से विश्वव्यापी शक्ति संतुलन को नियंत्रित कर रहे हैं।

रूस के पास 6,000 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जैसे RS-28 सरमत और हाइपरसोनिक अवांगार्ड, जो इसे शीर्ष पर रखते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका की मिनटमैन III और ट्राइडेंट II जैसी मिसाइलें उनकी ट्रायड प्रणाली की शक्ति का प्रदर्शन करती हैं। चीन की DF-41 और DF-17 हाइपरसोनिक मिसाइलें तथा भारत की अग्नि-V और ब्रह्मोस भी विश्व मंच पर महत्वपूर्ण हैं। इन देशों की मिसाइल शक्ति केवल रक्षा ही नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक रणनीति को भी प्रभावित कर रही है।

उत्तर कोरिया की ह्वासोंग-17 और लगातार परीक्षण विश्वव्यापी चिंता का कारण बन रहे हैं, जबकि फ्रांस और ब्रिटेन अपनी सीमित लेकिन विश्वसनीय M51 और ट्राइडेंट II मिसाइलों के माध्यम से शक्ति बनाए हुए हैं। इजराइल की जेरिको III और एरो सिस्टम उनकी गोपनीय लेकिन उन्नत रक्षा प्रणालियों के प्रतीक हैं। भारत की ब्रह्मोस, जो रूस के सहयोग से विकसित दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, और अग्नि-V, जो चीन और यूरोप तक पहुंचने में सक्षम है, देश की बढ़ती सैन्य क्षमता को दर्शाती है। इस प्रतिस्पर्धा में हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी और परमाणु क्षमता भविष्य के युद्धों का स्वरूप बदल रही है, जो विश्व शांति के लिए नई चुनौतियाँ पैदा कर रही है।

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