तेज प्रताप यादव को लालू प्रसाद यादव ने पार्टी से निकाला, बेटे को बताया ‘त्याज्य पुत्र’
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को ‘त्याज्य पुत्र’ घोषित करते हुए दल से निष्कासित करने की घोषणा की है। लालू प्रसाद ने सोशल मीडिया पर यह बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि तेज प्रताप का सामाजिक जीवन और उनके क्रियाकलाप परिवार तथा पार्टी के मूल्यों व परंपराओं के अनुरूप नहीं हैं।
लालू यादव ने बताया कि उन्होंने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को परिवार से और पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। अब से तेज प्रताप परिवार या राजद के किसी भी काम में शामिल नहीं हो पाएंगे। तेज प्रताप अपने निजी जीवन के अच्छे-बुरे फैसले खुद संभालेंगे और उनकी कोई जिम्मेदारी परिवार या पार्टी की नहीं होगी। लालू ने यह भी कहा कि जो लोग उनसे संबंध रखेंगे, उन्हें अपने फैसले पर विचार करना चाहिए। उन्होंने हमेशा माना है कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोगों की गलतियां सभी के सामने आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके परिवार के जिम्मेदार लोग इस विचार का पालन करते रहे हैं। पार्टी ने तेज प्रताप को राजद से छह साल के लिए निष्कासित करने की बात कह दी है।
लालू ने साफ कहा, “व्यक्तिगत जीवन में नैतिक मूल्यों की अनदेखी करने से सामाजिक न्याय के लिए हमारी सामूहिक लड़ाई कमजोर पड़ती है। मेरे बड़े बेटे के क्रियाकलाप, सार्वजनिक रूप से उनका व्यवहार और गैर-जिम्मेदाराना बातें व व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और परंपराओं के साथ सामंजस्यपूर्ण नहीं हैं।”
बिहार में महागठबंधन सरकार में नीतीश कुमार की कैबिनेट में तेज प्रताप ने स्वास्थ्य, वन और पर्यावरण जैसे मंत्रालय संभाले थे। उस कैबिनेट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डिप्टी तेज प्रताप के भाई और लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव थे।
मालदीव घूमने गए तेज प्रताप ने फेसबुक पर एक महिला के साथ तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा था कि वह 12 साल से अनुष्का यादव के साथ रिश्ते में हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने वह पोस्ट डिलीट कर दिया था। 2018 में तेज प्रताप ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की पोती ऐश्वर्या राय से शादी की थी। 2022 में तेज प्रताप और ऐश्वर्या के बीच विवाद अदालत तक पहुंच गया था। पत्नी ऐश्वर्या ने तलाक का मुकदमा दायर करते हुए तेज प्रताप पर नशा करने और मानसिक रूप से अस्थिर होने का आरोप लगाया था। तेजस्वी यादव से करीब दो साल बाद तेज प्रताप का व्यवहार और मीडिया से बातचीत अक्सर पार्टी को असहज कर देती है। बिहार की राजनीति पर नज़र रखने वाले लोग कहते हैं कि अगर लालू के छोटे बेटे तेजस्वी राजद की संपत्ति हैं, तो उनके बड़े बेटे तेज प्रताप निश्चित रूप से एक बड़ा बोझ हैं।