केवाईसी नियमों में बड़ा बदलाव! अब बार-बार दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं, आरबीआई का प्रस्ताव
नई दिल्ली: ‘अपने ग्राहक को जानो’ (KYC) नियमों में एक बड़ा बदलाव होने वाला है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों की सुविधा के लिए ‘स्व-घोषणा’ (Self-Declaration) सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। यदि यह प्रासंगिक प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए ग्राहक सेवा काफी आसान हो जाएगी।
आरबीआई सूत्रों के अनुसार, एक बार ‘स्व-घोषणा’ सुविधा शुरू होने के बाद ग्राहकों को बार-बार केवाईसी दस्तावेज जमा नहीं करने होंगे। वे ईमेल, मोबाइल नंबर, एटीएम और ऑनलाइन बैंकिंग एप्लिकेशन सहित विभिन्न डिजिटल माध्यमों से केवाईसी दस्तावेज जमा कर सकेंगे। यदि ग्राहक की जानकारी में कोई बदलाव नहीं होता है या केवल पते में परिवर्तन होता है, तो सारा कार्य स्व-घोषणा के माध्यम से किया जाएगा। कोई अलग दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी।
रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस साल मार्च में ही नए केवाईसी नियम लागू करने का संकेत दिया था। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, “संबंधित बैंक या एनबीएफसी बैंकिंग सेवाएं शुरू करते समय ग्राहक से सभी दस्तावेज और जानकारी एकत्र करते हैं। परिणामस्वरूप, उनसे एक ही दस्तावेज बार-बार मांगना अनुचित है।”
आरबीआई के मौजूदा नियमों के अनुसार, ग्राहकों को समय-समय पर अपना केवाईसी अपडेट कराना आवश्यक है। वे किसी बैंक या वित्तीय संस्थान की शाखा में जाकर ऐसा कर सकते हैं। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस मामले में वन-टाइम पासवर्ड (OTP) आधारित ई-केवाईसी और वीडियो कॉल के जरिए ग्राहक पहचान प्रक्रिया भी स्वीकार्य होगी। केंद्रीय बैंक ने केवाईसी अपडेट को और आसान बनाने के लिए यह नियम लागू किया है।6
यदि रिजर्व बैंक का यह नया प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो ग्राहकों को आधार-आधारित बायोमेट्रिक ई-केवाईसी के साथ आमने-सामने ‘स्व-घोषणा’ करने का अवसर मिलेगा। हालांकि, यह लाभ तभी प्राप्त किया जा सकता है जब उनका वर्तमान पता उनके आधार कार्ड पर दर्ज पते से भिन्न हो। इसके अतिरिक्त, आमने-सामने ऑनबोर्डिंग के मामले में, यह जोखिम रहता है कि ग्राहक के खाते पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि वर्तमान में बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के बड़ी संख्या में ऐसे ग्राहक हैं जिन्होंने अपना केवाईसी अपडेट नहीं कराया है। आरबीआई को उम्मीद है कि यदि ‘स्व-घोषणा’ प्रणाली लागू की जाती है, तो यह संख्या एक बार में ही काफी कम हो जाएगी। समाचार सूत्रों के अनुसार, यदि प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो केंद्रीय बैंक इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी करेगा।