कहीं बाढ़ कहीं सूखा! भारत ने सिंधु जल संधि रोकी तो पाकिस्तान पहुंचा संयुक्त राष्ट्र

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष भारतीयों की जान जाने के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान में नौ आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया। लेकिन इससे पहले भारत ने पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका दिया, जिससे अब पूरे पाकिस्तान में हाहाकार मचा हुआ है। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जिसके बाद पाकिस्तान ने नई दिल्ली से गुहार लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं होने पर अब वह संयुक्त राष्ट्र में शिकायत करने पहुंच गया है।

पाकिस्तान का दावा और भारत का जवाब

पाकिस्तान का दावा है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून की परवाह किए बिना सिंधु जल संधि को निलंबित किया है। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधि उस्मान जादौन ने असहाय होकर कहा कि कोई बड़ी आपदा आने से पहले इस संबंध में उचित कदम उठाए जाने चाहिए। पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि समझौते को निलंबित करने का भारत का फैसला मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। पाकिस्तान इस “अवैध घोषणा” का विरोध कर रहा है और उसका दावा है कि इन नदियों का पानी रोका नहीं जाना चाहिए या उनके मार्ग को किसी भी तरह से बदला नहीं जाना चाहिए। जादौन ने यह भी दावा किया कि 24 करोड़ पाकिस्तानियों का जीवन खतरे में है।

हालांकि, जब संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज की गई, तो भारत ने पाकिस्तान का मुद्दा उठाया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि यह समझौता 65 साल पहले पाकिस्तान में विश्वास और भरोसे के साथ किया गया था। लेकिन पाकिस्तान उस मित्रता और विश्वास को कायम नहीं रख सका। हरीश ने कहा कि पाकिस्तान ने इस समझौते का उल्लंघन करते हुए पिछले साढ़े छह दशकों में भारत के खिलाफ तीन युद्ध और हजारों आतंकवादी हमले किए हैं। 40 वर्षों में 20,000 से अधिक भारतीय आतंकवाद के शिकार हुए हैं। हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुआ हमला भी इसका एक उदाहरण है।

पाकिस्तान की अपील और भारत का रुख

भारतीय प्रतिनिधि ने आतंकवाद को पाकिस्तान के सीधे समर्थन का खुलासा किया और कहा कि पाकिस्तानी प्रतिनिधि दुष्प्रचार कर रहा है। पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन करता है और इसका जवाब ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से दिया गया है। हरीश ने कहा कि इसके बावजूद भारत ने काफी संयम दिखाया और किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया। लेकिन पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय सीमा पर स्थित गांवों पर हमला कर दिया।

सिंधु जल संधि के निलंबन के कारण पाकिस्तान व्यावहारिक रूप से अव्यवस्था की स्थिति में है। कुछ स्थानों पर बाढ़ है तो कहीं लोग प्यास से मर रहे हैं। इस्लामाबाद से नई दिल्ली को एक पत्र मिला है जिसमें सिंधु जल संधि को रद्द न करने का अनुरोध किया गया है। लेकिन इस बार भारत ने पाकिस्तान की भीख नहीं मानी। इसके विपरीत, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद बंद नहीं करता, तब तक यह समझौता निरर्थक रहेगा।

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