इन्वर्टर बैटरी में पानी कब डालें? आधी जनता नहीं जानती सही समय!

इन्वर्टर आजकल हर घर और ऑफिस में एक आम जरूरत बन गया है, खासकर उन इलाकों में जहाँ बिजली बार-बार जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्वर्टर की बैटरी की ठीक से देखभाल न की जाए, तो उसका बैकअप धीरे-धीरे कम होने लगता है? सबसे बड़ी गलती जो लोग अक्सर करते हैं, वह यह नहीं समझ पाना कि बैटरी में पानी कब डालना चाहिए। यदि पानी का स्तर न्यूनतम निशान से नीचे चला जाता है, तो बैटरी सूखने लगती है, जिससे उसकी परफॉरमेंस कमजोर हो जाती है। इसका सीधा मतलब है कि आपको कम बैकअप मिलेगा और बैटरी धीमी गति से चार्ज होगी, जिससे इन्वर्टर का मुख्य उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा।
बैटरी के पानी की जाँच करने की आवृत्ति आपके इन्वर्टर के उपयोग पर निर्भर करती है। यदि आपके घर में बिजली कम जाती है और इन्वर्टर का उपयोग बहुत कम होता है, तो हर 2-3 महीने में एक बार बैटरी का पानी जांचना पर्याप्त होता है। हालांकि, यदि आप इन्वर्टर का दैनिक रूप से लंबे समय तक उपयोग कर रहे हैं, जैसे गर्मियों में बार-बार बिजली कटौती होती है, तो हर 1 से 1.5 महीने में बैटरी का पानी का स्तर जरूर जांचना चाहिए। हमेशा डिस्टिल्ड वाटर (आसुत जल) का ही उपयोग करें; सामान्य नल का पानी बैटरी को खराब कर सकता है। बैटरी पर ‘मिनिमम’ और ‘मैक्सिमम’ के निशान होते हैं; पानी का स्तर हमेशा इन दोनों निशानों के बीच रहना चाहिए। ज्यादा पानी भरने से ओवरफ्लो हो सकता है, जिससे नुकसान हो सकता है। बैटरी की जांच करते समय हमेशा दस्ताने और सुरक्षा चश्मा पहनें, और अगर बैटरी असामान्य रूप से गर्म हो रही हो, तो तुरंत किसी विशेषज्ञ से जांच कराएं।