आयकर जमा कराने की समय सीमा बढ़ी, रिफंड पर मिलेगा अतिरिक्त ब्याज, करदाताओं के चेहरे खिले

भारत के आयकर विभाग ने 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए आयकर जमा करने की समय सीमा बढ़ा दी है, जिससे देश के लाखों करदाताओं ने राहत की सांस ली है। आमतौर पर, हर वित्तीय वर्ष में आयकर जमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई होती है, लेकिन इस बार इसे बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया गया है।
इस निर्णय से कई लोगों को लाभ हुआ है और कई लोग यह उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें मिलने वाले रिफंड पर अब काफी अधिक ब्याज मिलेगा। कई लोगों ने आयकर विभाग को इस अग्रिम अतिरिक्त ब्याज के लिए धन्यवाद भी दिया है।
रिफंड की राशि क्यों बढ़ेगी?
यदि किसी करदाता ने अग्रिम टीडीएस (TDS) के माध्यम से अधिक कर जमा किया है, या अग्रिम कर दिया है, या उसने अपने आवंटित कर-मूल्य से अधिक राशि जमा की है, तो उसे निश्चित रूप से रिफंड मिलेगा। आयकर अधिनियम की धारा 244ए के अनुसार, आयकर विभाग अतिरिक्त कर वसूलने की स्थिति में रिफंड वापस करने तक मासिक 0.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देता है।
यह ब्याज दर आकलन वर्ष की 1 अप्रैल से लागू होती है और जब तक रिफंड जारी नहीं किया जाता, तब तक यह लागू रहती है। चूंकि आईटीआर (ITR) जमा करने की अंतिम तिथि 1.5 महीने आगे बढ़ा दी गई है, और यदि आपका रिफंड अक्टूबर में संसाधित होता है, तो आपको रिफंड पर 2 महीने का अतिरिक्त ब्याज मिलेगा।
चार्टर्ड अकाउंटेंट की व्याख्या: 33 प्रतिशत अधिक ब्याज
चार्टर्ड अकाउंटेंट सुरेश सुराना के अनुसार, 2024-25 वित्तीय वर्ष के आयकर रिटर्न फाइल जमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई के बजाय बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई है। इस कारण करदाताओं को उनके रिफंड पर 33 प्रतिशत अधिक ब्याज मिलेगा, यदि उनका रिफंड अक्टूबर महीने तक संसाधित हो जाता है। आयकर अधिनियम की धारा 244ए में रिफंड की राशि पर मासिक 0.5 प्रतिशत यानी सालाना 6 प्रतिशत की दर से सरकार ब्याज देती है। समय सीमा 2 महीने बढ़ने के कारण इन अतिरिक्त दो महीनों का ब्याज भी रिफंड के साथ मिलेगा।
याद रखें: अतिरिक्त ब्याज भी कर योग्य है
हालांकि, एक महत्वपूर्ण बात याद रखना जरूरी है। आपके टैक्स रिफंड पर जो ब्याज सरकार देती है, उसे आयकर कानूनों के तहत ‘अन्य स्रोतों से आय’ (Income from other sources) के रूप में कर योग्य माना जाएगा। यानी, इस अतिरिक्त ब्याज पर भी आपको आयकर देना होगा।
बहरहाल, यह बढ़ी हुई समय सीमा करदाताओं के लिए राहत लेकर आई है, वहीं रिफंड पर अतिरिक्त ब्याज की संभावना ने भी उनके बीच एक नई आशा जगाई है।