जंगली हाथी का रिहायशी इलाके में हमला, दुधमुंही बच्ची समेत एक ही परिवार के 3 सदस्यों को कुचला

अलीपुरद्वार के कुंजनगर में देर रात जंगली हाथी के हमले से एक दर्दनाक हादसा हो गया है। जलदापारा राष्ट्रीय उद्यान के कुंजनगर जंगल से सटे सिंहपाड़ा में हाथी के हमले में एक दुधमुंही बच्ची समेत एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। इस घटना से इलाके में गहरा सदमा है और स्थानीय लोगों ने वन विभाग की लापरवाही का आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर दिया है।
मृतकों की पहचान मनोज दास (31), उनकी मां माखनरानी दास (63) और मनोज की एक महीने की बेटी मनीषा दास (1 माह) के रूप में हुई है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अलीपुरद्वार जिला अस्पताल भेज दिया है।
मार्मिक घटना
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार देर रात एक जंगली हाथी जलदापारा राष्ट्रीय उद्यान से निकलकर कुंजनगर के सिंहपाड़ा में घुस गया। मनोज दास अपने घर में सो रहे थे। तभी घर के बाहर आवाज सुनकर वह बाहर आए और जंगली हाथी के सामने आ गए। हाथी ने उन्हें अपनी सूंड से उठाकर पटक दिया।
बेटे को बचाने के लिए माखनरानी दौड़ीं। उनकी गोद में सिर्फ 35 दिन की बच्ची मनीषा थी। हाथी ने माखनरानी को कुचल दिया और उनकी गोद से बच्ची मनीषा गिर गई। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। यह भयानक घटना कुछ ही पलों में घट गई, जिससे इलाके में हड़कंप और दहशत फैल गई। फालाकाटा थाने के आईसी अभिषेक भट्टाचार्य ने बताया कि शवों को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है।
वन विभाग पर लापरवाही का आरोप और सड़क जाम
इस घटना के बाद स्थानीय निवासियों ने वन विभाग पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शनिवार सुबह सड़क जाम कर दिया। उनका आरोप है कि लगभग हर दिन जंगल से हाथी रिहायशी इलाकों में घुस आते हैं और हमला करते हैं। उनका यह भी आरोप है कि पहले भी ऐसी घटनाओं में मौतें हुई हैं, लेकिन वन विभाग इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
सड़क जाम के कारण फालाकाटा से कुंजनगर होते हुए नौ मील जाने वाली सड़क पर यातायात बाधित हो गया। स्थानीय लोगों की मांग है कि वन विभाग जंगल से रिहायशी इलाकों में हाथियों के प्रवेश को रोकने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाए, अन्यथा ऐसी दुखद घटनाएं बार-बार होती रहेंगी। इस घटना ने एक बार फिर इंसान और जंगली हाथी के बीच संघर्ष के मुद्दे को उजागर कर दिया है।