सिंधु जल समझौते पर पाक प्रधानमंत्री की शिकायत, भारत ने भी दिया जवाब

पाकिस्तान को सिंधु जल समझौते को निलंबित करने को लेकर भारत पर आरोप लगाना बंद कर देना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के बयान का जवाब देते हुए भारत ने यह बात कही। ताजिकिस्तान के दुशांबे में संयुक्त राष्ट्र के ग्लेशियर संरक्षण पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन चल रहा है। इसमें भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और भारत की ओर से केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने भाग लिया। सम्मेलन में बोलते हुए पाक प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सिंधु समझौते को निलंबित करने का भारत का निर्णय एकतरफा और अवैध है। इस समझौते के माध्यम से सिंधु और उसकी सहायक नदियों के जल का बंटवारा किया जाता है। इस तरह संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों के लिए लाखों जिंदगियों को दांव पर नहीं लगाना चाहिए। पाकिस्तान इसे स्वीकार नहीं करेगा। हम भारत को सीमा पार नहीं करने देंगे।’ हालांकि, ग्लेशियर संरक्षण पर सम्मेलन में सिंधु समझौते पर पाकिस्तान ने कैसे बात की, इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कड़ा विरोध जताया।
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान इस मंच का दुरुपयोग कर रहा है। ऐसे विषय का उल्लेख करना जो मंच से संबंधित नहीं है, पूरी तरह से अनुचित है। हम इस तरह के प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं। पाकिस्तान का लगातार सीमा-पार आतंकवाद सिंधु समझौते के नियमों को लागू करने में बाधा डाल रहा है। पाकिस्तान खुद ही वास्तव में समझौते का उल्लंघन कर रहा है। इस संबंध में उन्हें भारत को दोषी ठहराना बंद कर देना चाहिए।’ भारत ने इस्लामाबाद को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तानी संलिप्तता की जानकारी दी। इसके बाद भी पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके चलते भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ राजनयिक स्तर पर कई कदम उठाए। जिनमें से एक सिंधु समझौते को निलंबित करना था। तब से पाकिस्तान के विभिन्न राजनीतिक नेता इस मुद्दे पर भारत को धमकी दे रहे हैं और दोषी ठहराने से नहीं चूक रहे हैं। इसी तरह, ताजिकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय मंच का उपयोग करते हुए पाक प्रधानमंत्री ने सिंधु समझौते को लेकर भारत के खिलाफ आवाज उठाई थी। जिसके खिलाफ भारत ने कड़ा जवाब दिया है।