होम लोन की ईएमआई कम होने की संभावना, क्या आरबीआई लेगा महत्वपूर्ण फैसला?

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) चार दिनों के भीतर एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाला है। इस निर्णय का प्रभाव गृह ऋण और अन्य ऋण लेने वाले सभी लोगों पर पड़ेगा। आगामी 6 जून को आरबीआई रेपो रेट में बदलाव कर सकता है।
इससे पहले आरबीआई ने दो बार रेपो रेट में बदलाव किया था। जिसके परिणामस्वरूप गृह ऋण सहित विभिन्न प्रकार के ऋणों की ब्याज दरों पर असर पड़ा था।
रेपो रेट कब बदलता है
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी) की बैठक 4 से 6 जून के बीच होगी। यह बैठक हर दो महीने में होती है। इस बैठक में आरबीआई देश की मुद्रास्फीति का आकलन करता है। उसी के अनुसार देश की मौद्रिक नीति तय की जाती है। इसके अलावा, रेपो रेट में बदलाव भी किया जाता है। रेपो रेट कम होने पर ऋण की ईएमआई के ब्याज पर फायदा होता है। आरबीआई एमपीसी बैठक में पिछले छह महीनों में दो बार रेपो रेट कम किया गया था। दोनों बार 0.25 प्रतिशत की कमी की गई थी। जिसके परिणामस्वरूप छह महीनों में रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की कमी आई है। वर्तमान में रेपो रेट 6 प्रतिशत है।
क्या फिर कम होगा रेपो रेट?
6 जून को होने वाली एमपीसी बैठक में रेपो रेट में फिर से 0.25 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है। क्योंकि मुद्रास्फीति की दर 4 प्रतिशत से नीचे आ गई है। आरबीआई द्वारा निर्धारित लक्ष्य से नीचे है मुद्रास्फीति। इसलिए तीसरी बार ब्याज दर में कमी की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा शुरू किए गए टैरिफ युद्ध के कारण निर्यात शुल्क बढ़ा है। जिसका कुछ प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
कुल मिलाकर, वर्तमान स्थिति के अनुसार, आरबीआई ब्याज दरों में कमी कर सकता है। यह देश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए आवश्यक है। बाजार में नकदी का प्रवाह बढ़ने से घरेलू बाजार में मांग बढ़ेगी, जो अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति इस पर निर्णय लेगी।