संसद के विशेष सत्र की मांग खारिज, मानसून सत्र 21 जुलाई से

पहलगाम और पाकिस्तान के मुद्दों पर विपक्ष की संसद का ‘विशेष’ सत्र बुलाने की मांग केंद्र सरकार ने ठुकरा दी है। बुधवार को सरकार ने घोषणा की है कि संसद का मानसून सत्र आगामी 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। यह जानकारी संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने दी। विपक्ष ने जून में ही इस विशेष सत्र की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इस मांग को अस्वीकार कर जुलाई के मध्य का समय चुना है।
सरकार की इस घोषणा के बाद विपक्ष ने तीखी आलोचना की है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता जयराम रमेश ने सरकार के इस कदम को ‘नई चाल’ बताया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के विशेष सत्र की मांग से ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने अभूतपूर्व तरीके से 47 दिन पहले मानसून सत्र की तारीखों की घोषणा की है। जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि पहलगाम मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के सामने ‘सरेंडर’ कर दिया है, इसलिए वह ‘नरेंद्र मोदी’ नहीं, बल्कि ‘सरेंडर मोदी’ हैं। तृणमूल के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने सरकार पर ‘पार्लियामेंटोफोबिया’ या संसद-आतंक से ग्रस्त होने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार ने जानबूझकर 21 जुलाई को ही सत्र बुलाया है, क्योंकि उस दिन तृणमूल का शहीद दिवस है, जिसका कड़ा विरोध किया गया है।