इरान का अभिशाप क्या है? मृत लड़की की आत्मा का प्रतिशोध?

इजरायल-ईरान संघर्ष और अतफ़ा की कहानी का प्रतीक
हाल के दिनों में इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष ने ईरान को गंभीर संकट में डाल दिया है। पिछले आठ दिनों की लड़ाई में इजरायली सेनाओं ने ईरानी परमाणु और सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहचाया है, जिसके कारण कई क्षेत्र विनाश की कगार पर हैं। हालांकि ईरान ने इजरायल पर प्रतिशोध लेने के प्रयास किए हैं, लेकिन इस संघर्ष में उसे अधिक क्षति का सामना करना पड़ा है। इस घातक संग्राम के बीच एक अद्भुत कहानी सामने आई है, जिसने सबका ध्यान खींचा है। कहा जा रहा है कि 20 साल पहले मारी गई एक ईरानी लड़की की आत्मा, जो तहरान में रह रही थी, अब अपनी मातृभूमि से प्रतिशोध ले रही है।
वर्ष 2004 में, जब 16 वर्षीय आतफ़ा को सार्वजनिक रूप से फाँसी दी गई थी, तब यह घटना विश्वभर में सुर्खियाँ बनी थीं। उसे “आचार संहिता के अपराध” के तहत दोषी ठहराया गया था, जबकि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप बेहद विवादास्पद थे। यह बात सामने आई थी कि ईरानी न्याय प्रणाली ने उसके अनुभव और उसकी उम्र को पूरी तरह से नजरअंदाज किया। उसके साथ हुए अन्याय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ईरान की न्याय प्रणाली में महिलाओं के खिलाफ संस्थागत हिंसा का स्पष्ट प्रमाण मौजूद है। क्या वास्तव में आतफ़ा का श्राप ईरान को आज भी प्रभावित कर रहा है? यह प्रश्न आज भी अनुत्तरित है, और वर्तमान स्थितियों में ईरान की मुश्किलों को देखते हुए इसे और भी गंभीरता से लिया जा रहा है।