नेतन्याहू ने ट्रंप को ईरान-इजराइल युद्ध में फंसाया

डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिकी राष्ट्रपति बने हुए आज छह महीने पूरे हो गए हैं। इस दौरान, दुनिया ने देखा कि ट्रम्प की विदेश नीति कई चुनौतियों का सामना कर रही है। पहले चरण के व्यापार युद्ध ने न केवल अमेरिका को बल्कि अन्य देशों को भी प्रभावित किया। इसके अलावा, यूक्रेन-रूस युद्ध को रोकने के उनके सभी प्रयास विफल हो गए हैं। यूरोपीय संघ में ट्रम्प की छवि बुरी तरह से धूमिल हुई है, जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को कम करने की कोशिशें भी प्रभावी नहीं रह गईं।
अब ईरान-इजराइल युद्ध एक नई चुनौती बनकर सामने आया है, जिसमें ट्रम्प का नियंत्रण कम हो गया है। वे नहीं समझ पा रहे हैं कि यदि अमेरिका ईरान के युद्ध में शामिल होता है, तो कैसे बाहर निकलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान की परमाणु सुविधाएं ऐसी जगह छिपी हैं, जहां अमेरिका के हवाई हमले का असर नहीं होगा। इस स्थिति के साथ, ट्रम्प की दुविधा बढ़ती जा रही है। उन्हें पता है कि इजराइल को किसी भी कीमत पर समर्थन देना है, लेकिन युद्ध में सीधे शामिल होने से उनकी छवि को नुकसान होगा। दुनिया भर में इसके प्रभाव भी गंभीर होंगे, खासकर अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा पर।