भारत का खतरनाक रैमजेट मिसाइल

भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को निरंतर मजबूत कर रहा है, और इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है – स्वदेशी रूप से निर्मित १५५ मिमी रामजेट गोला-बारूद। यह आधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस तो है ही, बल्कि इसकी आक्रमण क्षमता भी पारंपरिक गोले की तुलना में दोगुनी है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को आगे बढ़ाती है।
रामजेट एक प्रकार की एयर-ब्रिदिंग तकनीक है, जो ईंधन के साथ बाहरी हवा के ऑक्सीजन का उपयोग कर उच्च गति उत्पन्न करती है। इसका अर्थ है कि इस प्रक्षेपण में भारी ऑक्सीजन कैरियर्स की आवश्यकता नहीं होती, जिससे यह हल्का और तेज होता है। रामजेट गोले की विशिष्टताएँ हैं: इसकी लंबी पहुंच, उच्च गति, और अधिक विनाशक क्षमता। यह ६०-८० किमी की दूरी तक प्रहार कर सकता है और इसके पास एक उन्नत गाइडेंस सिस्टम भी है, जो इसके लक्ष्य को सटीकता से भेदने में मदद करता है। भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और निजी क्षेत्र की कंपनियों के सहयोग से इस तकनीक का विकास किया जा रहा है, जिससे भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो इस तरह के उन्नत गोले-बारूद का निर्माण कर सकते हैं।