ताजमहल के 22 बंद कमरों का रहस्य

ताजमहल, जो शाहजहान द्वारा 1632 में बनाना शुरू किया गया था, 1643 में पूरी तरह से तैयार हुआ। यह 42 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें एक मेहमाननवाज घर और एक मस्जिद भी शामिल है। यह प्रासाद अपनी सुंदरता के लिए मशहूर है, और इसके अंदर शाहजहान एवं मुमताज़ की समाधि स्थित है। हालांकि, मुग़ल काल से कई कमरे बंद हैं। इसके अलावा, ताजमहल की मंजिल पर दो सीढ़ियाँ हैं, जिनके ऊपर लोहे का जाल लगाया गया है। एक हिस्सा ऐसा भी है जो वर्षों से बंद पड़ा हुआ है।
ताजमहल की मुख्य समाधि के नीचे कुल 22 कमरों के होने की जानकारी है, जिन्हें अब तक किसी ने नहीं देखा है। इतिहासकारों के अनुसार, ये कमरे आखिरी बार 1934 में खोले गए थे। वहां कई महत्वपूर्ण इतिहास संबंधी दस्तावेज और कला शामिल हो सकती हैं। ये भी कहा जाता है कि ये कमरे शाहजहान और मुमताज़ की वास्तविक विश्राम स्थल हो सकते हैं। ताजमहल के चारों मिनारे भी इन कमरों से जुड़े हुए हैं। हाल ही में भारतीय पुरातत्व विभाग ने इन बंद कमरों की कुछ तस्वीरें साझा की हैं, जिससे इनकी महत्ता और भी बढ़ गई है। एक जनहित याचिका इन कमरों को खोलने के लिए दायर की गई थी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इसे खारिज कर दिया है।