रेलवे के फैसले पर भड़के श्रमिक संगठन

रेल मंत्रालय ने सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों की सशर्त पुनर्नियुक्ति का निर्णय लिया है, जिसकी अधिसूचना रेलवे बोर्ड ने 20 जून को जारी की है। मंत्रालय के अनुसार, पे लेवल-वन से पे लेवल-नाइन तक के गैर-राजपत्रित कर्मचारी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। हालांकि, इस फैसले का अखिल भारतीय श्रमिक संगठनों ने कड़ा विरोध किया है। सीआईटीयू और एआईटीयूसी जैसे संगठनों का आरोप है कि यह निर्णय देश के योग्य युवाओं को अवसर से वंचित कर रहा है।
सीआईटीयू के महासचिव तपन सेन ने आरोप लगाया कि रेलवे में लगभग ढाई से तीन लाख पद खाली हैं, जिन पर भर्ती के बजाय सेवानिवृत्त कर्मचारियों को फिर से नियुक्त किया जा रहा है। एआईटीयूसी का कहना है कि सिर्फ रेलवे ही नहीं, रक्षा और डाक सहित विभिन्न केंद्रीय सरकारी विभागों में भी लगभग 15 लाख पद रिक्त हैं। श्रमिक संगठनों ने इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की है, अन्यथा देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।