आईटीआर रिफंड में देरी क्यों? जानें मुख्य कारण और समाधान

देशभर में टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने में जुटे हैं। आयकर विभाग ने आईटीआर फाइलिंग की अंतिम तारीख 15 सितंबर तक बढ़ा दी है। समय पर आईटीआर दाखिल करने से न केवल जुर्माने से बचा जा सकता है, बल्कि रिफंड प्रक्रिया भी तेज होती है। हालांकि, कई लोगों को रिफंड का इंतजार रहता है, और इसमें देरी की कई वजहें हो सकती हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, तकनीकी प्रगति से अब रिफंड औसतन 10 दिन में मिल जाता है, जबकि पहले इसमें 93 दिन लगते थे। फिर भी, कुछ मामलों में रिफंड में समय लग सकता है।
रिफंड में देरी के मुख्य कारणों में आईटीआर का ई-वेरिफाई न होना, पैन और आधार का लिंक न होना, आयकर विभाग के ईमेल का जवाब न देना, टीडीएस का मिलान न होना, और गलत बैंक विवरण शामिल हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए, समय पर आईटीआर दाखिल करें और उसे तुरंत ई-वेरिफाई करें। साथ ही, पैन-आधार लिंकिंग, सही बैंक विवरण, और टीडीएस का मिलान सुनिश्चित करें। आयकर विभाग के नोटिफिकेशनों पर भी नजर रखें और समय पर प्रतिक्रिया दें ताकि आपका रिफंड जल्द और आसानी से मिल सके।