40 के बाद आंखों का रखें खास ख्याल, जानें कौन से टेस्ट हैं जरूरी

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, आंखों की सेहत का ध्यान रखना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। 40 वर्ष की आयु के बाद आंखों की रोशनी में हल्के बदलाव सामान्य हैं, लेकिन यदि समय रहते इन संकेतों पर ध्यान न दिया जाए, तो ये ग्लूकोमा, मोतियाबिंद या रेटिना से जुड़ी गंभीर बीमारियों का रूप ले सकते हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि 40 की उम्र के बाद साल में कम से कम एक बार आंखों का संपूर्ण चेकअप (Comprehensive Eye Test) अवश्य कराना चाहिए, जिसमें आंखों की रोशनी, नसें, आंखों का दबाव (आई प्रेशर टेस्ट) और अंदरूनी हिस्सों की गहन जांच शामिल है।
ये जांचें इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि कई बार आंखों की बीमारियां धीरे-धीरे बढ़ती हैं और उनका पता तब चलता है जब काफी देर हो चुकी होती है, जैसा कि ग्लूकोमा के मामले में होता है। समय पर की गई जांच से ऐसी गंभीर समस्याओं का शुरुआती अवस्था में ही पता लगाया जा सकता है और उनके बढ़ने को रोका जा सकता है। नियमित जांच के अलावा, आंखों के लिए पौष्टिक आहार, सीमित स्क्रीन टाइम, धूप का चश्मा पहनना और धूम्रपान व शराब से दूरी बनाना भी स्वस्थ आंखों के लिए बेहद फायदेमंद है।