गिलोय घर की डॉक्टर क्यों? 70 रोगों का रामबाण इलाज

गिलोय, जिसे आयुर्वेद में ‘अमृता’ कहा जाता है, एक ऐसी चमत्कारी बेल है जो कई बीमारियों से लड़ने में सहायक है। यह आसानी से गांवों में मिल जाती है, इसलिए इसे “गरीब के घर की डॉक्टर” भी कहा जाता है। इसके पत्तों में कैल्शियम, प्रोटीन, और फास्फोरस जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। गिलोय वात, कफ और पित्त को संतुलित करने के साथ-साथ बुखार, पेट संबंधी विकार, डायबिटीज, अस्थमा और त्वचा रोगों में भी अत्यधिक लाभकारी है।
गिलोय में विभिन्न एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुण मौजूद हैं जो शरीर को कई तरह के संक्रमणों से बचाते हैं। यह लिवर और किडनी से विषाक्त पदार्थों को निकालने में भी सहायक है। इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है, खून की कमी दूर होती है और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। गिलोय का उपयोग रक्तचाप नियंत्रण, जोड़ों के दर्द और यहां तक कि कुछ प्रकार के कैंसर में भी फायदेमंद माना जाता है, जिससे यह वास्तव में एक बहुपयोगी आयुर्वेदिक औषधि साबित होती है।