क्या आप जानते हैं कि मंदिर में मिलने वाले धागे को हाथ पर कितनी देर तक बांधना चाहिए?

हिंदू शास्त्रों में, हर व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में सुख और शांति से रहने के लिए मंदिर जाने की आदत होती है।
मंदिर में भगवान की पूजा करके लौटते समय, वहां मंदिर का धागा दिया जाता है, जिसे भक्त अपने हाथों पर बांधते हैं। अब आइए जानें कि उस धागे को हाथ पर कितनी देर तक बांधा जा सकता है। कई लोग इस धागे को सालों तक अपने हाथों पर बांधे रखते हैं।
लेकिन इस धागे की शक्ति एक निश्चित अवधि तक ही रहती है।
अनभिज्ञता के कारण कई लोग मंदिर या मंत्र के धागे को अपने हाथों पर तब तक बांधते हैं, जब तक उसका रंग न बदल जाए या वह टूट न जाए। हालांकि, यह ध्यान देने वाली बात है कि चाहे वह मंदिर का धागा हो या मंत्र का धागा, इसकी शक्ति केवल 21 दिनों तक ही रहती है। भक्ति या किसी अन्य कारण से बंधे इस धागे को 21 दिनों के बाद बदलना बहुत जरूरी है। ऐसा करने से ही हमें इस धागे की पूरी शक्ति मिल सकती है। अगर हाथ पर बंधा धागा 21 दिनों से पहले खोल दिया जाए, तो हमें इसकी शक्ति नहीं मिलती, यह भी एक महत्वपूर्ण बिंदु है।
जो धागा ढीला हो गया हो उसे उठाकर दोबारा नहीं बांधना चाहिए। इसके अलावा शास्त्रों में कहा गया है कि महिलाओं को बाएं हाथ से और पुरुषों को दाएं हाथ से धागा बांधना चाहिए। जब धागा हाथ से खुल जाए तो उसे फेंकना नहीं चाहिए। इसे नदी या तालाब जैसे किसी जलस्रोत में विसर्जित करना शुभ माना जाता है और इससे हमें इसकी शक्ति प्राप्त होती है। इन बातों को जानकर उसी के अनुसार कार्य करें।