“मैं एक साधु हूँ, इस तरह का व्यक्ति हूँ” – कार्तिक महाराज ने बलात्कार के आरोपों पर खुलकर बात की

पद्मश्री पुरस्कार विजेता साधु कार्तिक महाराज पर एक महिला ने स्कूल टीचर बनने का वादा करके कई बार बलात्कार का सनसनीखेज आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल निवासी महिला ने दावा किया है कि कार्तिक महाराज 2013 से उसका यौन उत्पीड़न कर रहे हैं। हालांकि, भाजपा के करीबी साधु ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
शिकायतकर्ता का दावा है कि भारत सेवाश्रम संघ की बेलडांगा शाखा के साधु स्वामी प्रदीप्तानंद उर्फ कार्तिक महाराज उसे मुर्शिदाबाद के एक आश्रम में ले गए और वहां एक स्कूल में पढ़ाने का लालच दिया। उसे आश्रम में ठहराया गया।
महिला का आरोप है कि साधु जनवरी और जून 2013 के बीच एक रात उसके घर में घुसे और उसका यौन उत्पीड़न किया। बाद में, उसके साथ कुल 12 बार बलात्कार किया गया। उसने कहा कि वह डर, घबराहट और लाचारी के कारण इस दौरान चुप रही। महिला ने एक और सनसनीखेज दावा किया है कि कार्तिक महाराज ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने पर आत्महत्या करने की धमकी दी थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, भाजपा के करीबी साधु के खिलाफ पहले ही लिखित शिकायत दर्ज की जा चुकी है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
कार्तिक महाराज की प्रतिक्रिया:
पद्मश्री से सम्मानित साधु कार्तिक महाराज ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा, “मैं साधु हूं। साधु के जीवन में ऐसी बाधाएं और खतरे आते रहते हैं। यह अप्रत्याशित नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी कानूनी टीम इस पूरी घटना को लेकर कार्रवाई कर रही है।
राजनीतिक योग और अनुयायियों के दावे:
कार्तिक महाराज के अनुयायियों ने दावा किया है कि राजनीतिक कारणों से उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद जिले में प्रचार के दौरान बिना नाम लिए कार्तिक महाराज पर निशाना साधा था। पिछले साल मई में मुख्यमंत्री ने बरहामपुर में जिला प्रशासनिक कार्यालय में खड़े होकर फिर से कार्तिक महाराज के खिलाफ टिप्पणी की थी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की टिप्पणी:
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “12 साल बाद शिकायत क्यों दर्ज की जा रही है? अब तक शिकायत क्यों नहीं की? पूरी जांच होनी चाहिए।” उन्हें लगता है कि कार्तिक महाराज के खिलाफ यह शिकायत जानबूझकर दर्ज की गई है।
इस शिकायत ने राज्य की राजनीति और धार्मिक हलकों में नई हलचल पैदा कर दी है। अब देखना यह है कि पुलिस जांच में इस सनसनीखेज आरोप में कितनी सच्चाई सामने आती है।