यूरोप में छिड़ी ‘युद्ध’ की चिंगारी, क्या पुतिन के करीबी का तख्त डोला?

यूरोप के शांत देश सर्बिया में इन दिनों हजारों छात्र सड़कों पर उतरकर राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.1 लगभग आठ महीने पहले एक रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे में 16 लोगों की मौत के बाद से उपजा यह गुस्सा अब एक बड़े आंदोलन में बदल गया है, जिसमें छात्र वुसिक के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. राजधानी बेलग्रेड में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हो रही हैं, जिससे सर्बिया की सड़कें गृहयुद्ध का मैदान बन गई हैं.2
यह छात्र आंदोलन अब इतना उग्र हो चुका है कि इसने प्रधानमंत्री मिलोस वुचेविच को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया है. प्रदर्शनकारी इसे “आजादी की लड़ाई” करार दे रहे हैं और “वुसिक को जाना ही होगा” जैसे नारे लगा रहे हैं.3 लगातार बढ़ रहा यह जनआक्रोश राष्ट्रपति वुसिक के 12 साल पुराने शासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है, जिससे उनके सत्ता से बेदखल होने की अटकलें तेज हो गई हैं.