बेटे को अंतिम विदाई देने से पहले ही मां चल बसी! पायलट राजवीर सिंह की मां का 13वें दिन निधन

पायलट राजवीर की मां का निधन: जयपुर का चौहान परिवार पिछले कुछ दिनों से एक ऐसे दर्द से गुजर रहा है जिसकी कल्पना करना भी आसान नहीं है। सबसे पहले 15 जून को केदारनाथ में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनके परिवार का एकमात्र सहारा पायलट राजवीर सिंह चौहान हमेशा के लिए चले गए।
राजवीर की असामयिक मौत से परिवार पहले ही टूट चुका था, लेकिन शायद किस्मत ने उसे और भी कठिन परीक्षा देनी चाही थी।
अपने बेटे के जीवन के तेरहवें दिन जब उसकी मां विजय लक्ष्मी चौहान अपने हाथों से उसका अंतिम भोजन बना रही थी, तो अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। अपने छोटे बेटे को याद कर वह इतनी भावुक हो गई कि रोने लगी और उसके सीने में तेज दर्द होने लगा। हालांकि परिवार के लोग उसे तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया।
15 दिनों के भीतर एक ही घर में दो शवयात्राएं निकलने से पूरे इलाके में गम का साया छा गया। यह घटना सिर्फ एक परिवार की निजी त्रासदी नहीं है, बल्कि मां-बेटे के रिश्ते की गहराई को समझने वाले हर व्यक्ति के दिल को छू गई है।
उसने अपने हाथों से ब्राह्मण भोज की थाली बनाई
राजवीर के दोस्त सूरज ने बताया कि विजय लक्ष्मी सुबह जल्दी उठकर ब्राह्मण भोज के लिए खाना बना रही थी। उसी समय बीकानेर से कुछ रिश्तेदार आए, जिन्हें देखकर वह भावुक हो गई। वह अपने बेटे के बारे में सोचकर जोर-जोर से रोने लगी और फिर उसके सीने में तेज दर्द हुआ। परिवार के लोग उसे तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
पड़ोसियों ने बताया कि मां अपने बेटे का दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाई
पड़ोसियों ने बताया कि विजय लक्ष्मी अपने जवान बेटे की मौत के गम से उबर नहीं पाई। राजवीर की अंतिम यात्रा के दौरान भी वह ‘राजवीर अमर रहे’ के नारे लगा रही थी और बार-बार अपने बेटे की तस्वीर को छूकर रो रही थी। अब वह अपने बेटे के पास जा चुकी है। शनिवार शाम को चांदपोल श्मशान घाट पर उसका अंतिम संस्कार किया गया।
पायलट राजवीर ने 15 साल तक सेना में सेवा दी
39 वर्षीय राजवीर सिंह चौहान मूल रूप से राजस्थान के दौसा जिले के महवार के रहने वाले थे। उन्होंने लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में 15 साल तक भारतीय सेना में सेवा दी। रिटायरमेंट के बाद अक्टूबर 2024 में वे आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड में बतौर पायलट शामिल हुए। वे जयपुर के शास्त्री नगर में अपने परिवार के साथ रहते थे। चार महीने पहले ही वे जुड़वां बच्चों के पिता बने हैं।
पत्नी भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं
राजवीर की पत्नी दीपिका चौहान भी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। इस हादसे के बाद उनका परिवार गहरे दुख में है।
हेलीकॉप्टर सुरक्षा पर बैठक
हादसे के बाद उत्तराखंड सरकार ने सभी संबंधित विभागों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। हेलीकॉप्टर के संचालन से जुड़ी सभी सुरक्षा प्रक्रियाओं की समीक्षा की जा रही है। सरकार ने बताया है कि यात्रियों की सुरक्षा सबसे पहले है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा मानदंडों को कड़ा किया जा रहा है।