श्रेयस अय्यर को छोड़ वेंकटेश को ‘दामाद’ जैसा प्यार? पूर्व KKR कप्तान का ‘चुन-चुन के बदला’

कोलकाता नाइट राइडर्स: बंगाल में एक कहावत है – ‘खा रहा था ताँती ताँत बुन के, काल हुआ उसका ऐंड़ा बैल क्या!’ कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की हालत अभी बिल्कुल वैसी ही है। आईपीएल (IPL 2025) नीलामी से पहले कप्तान श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) को छोड़कर KKR मैनेजमेंट ने कितनी बड़ी गलती की है, यह शायद वेंकी मैसूर और ड्वेन ब्रावो को अच्छी तरह से समझ आ रहा है।
रविवार (1 जून) को बारिश से बाधित दूसरे क्वालीफायर मैच में श्रेयस ने आकर देखा और पंजाब किंग्स (Punjab Kings) को जिताकर मैदान छोड़ा। वह आगामी मंगलवार (3 जून) को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ फाइनल खेलने उतरेंगे।
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यह एक सपनों की कहानी है, ऐसा शायद कई लोग कहेंगे। लेकिन, इस कहानी के पीछे भी हजारों दर्द हैं, यह बात शायद आज कोलकाता नाइट राइडर्स को समझ आ रही है। आईपीएल टूर्नामेंट में 10 साल बाद KKR ब्रिगेड (2024) ने खिताब जीता था। इसके बाद कई लोगों ने कहा था कि यह उपलब्धि पूरी तरह गौतम गंभीर की है। उन्होंने मेंटर के रूप में आकर रातोंरात टीम का कायापलट कर दिया था।
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कप्तान को अहमियत नहीं मिली
लेकिन, यह निर्विवाद है कि मैदान पर एक कप्तान ही पूरे खेल का संचालन करता है। इसमें मेंटर या कोच की कोई भूमिका नहीं होती। पिछले आईपीएल सीजन में श्रेयस ने ठीक यही काम किया था। ‘घर के बेटे’ गौतम गंभीर को महत्व देने के कारण कप्तान की उपलब्धि काफी हद तक दब गई। सीधे शब्दों में कहें तो श्रेयस को ‘सौतेली माँ’ जैसा व्यवहार मिला। कहावत है, ‘दाँत रहते दाँतों का मोल समझना चाहिए।’ KKR मैनेजमेंट ने वह मोल नहीं समझा। इसका असर ठीक आईपीएल नीलामी से पहले पड़ा। आत्म-सम्मान को महत्व देते हुए श्रेयस ने फैसला किया कि कोलकाता नाइट राइडर्स में ‘और नहीं, बहुत हो गया’। और यही नाइट साम्राज्य के पतन की शुरुआत थी।
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वेंकी मैसूर इच्छुक नहीं थे?
श्रेयस को रोकने में कोलकाता नाइट राइडर्स टीम के सीईओ वेंकी मैसूर बहुत ज्यादा इच्छुक थे, यह भी कभी नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कुल 6 खिलाड़ियों को रिटेन किया – रिंकू सिंह, वरुण चक्रवर्ती, आंद्रे रसेल, सुनील नरेन, रमनदीप सिंह और हर्षित राणा। इस सूची में श्रेयस का नाम देखकर अधिकांश समर्थक हैरान थे।
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नीलामी में श्रेयस को उतनी तवज्जो नहीं मिली
इसके बाद नीलामी कार्यक्रम में पंजाब किंग्स ने श्रेयस अय्यर को उचित सम्मान (26.75 करोड़) देकर अपनी टीम में शामिल कर लिया। और कोलकाता नाइट राइडर्स ने 23.75 करोड़ रुपये खर्च कर वेंकटेश अय्यर (Venkatesh Iyer) को टीम में वापस ले लिया। आज शायद नाइट समर्थक निराश होंगे। श्रेयस को हाथ से गंवाने का दर्द ठीक पुरानी एसिडिटी की तरह सीने में जलन पैदा करेगा। रविवार आधी रात को उन्होंने जो छक्का लगाकर पंजाब किंग्स को फाइनल में पहुंचाया, वह अहमदाबाद से सीधे नाइट्स के दिल में आ लगा है। इस असफलता का दायित्व कौन लेगा? श्रेयस को दरकिनार कर वेंकटेश अय्यर को ‘दामाद’ जैसा प्यार देने की कीमत कौन चुकाएगा? इस सवाल का जवाब आज भी अज्ञात है।