मंदिर की सीढ़ियों पर जपें यह मंत्र, हो जाएंगे कष्टों से मुक्ति!
मंदिरों में पूजा करने से शांति और आशीर्वाद मिलता है, लेकिन शास्त्रों में कहा गया है कि मंदिर की सीढ़ियों पर बैठकर एक विशेष श्लोक का जाप करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। यह श्लोक है: “मैं त्याग के बिना मरता हूँ, मैं त्याग के बिना जीता हूँ, मैं अपने शरीर में तुम्हारे साथ हूँ, मैं परम प्रभु हूँ।” इसका अर्थ है पीड़ारहित मृत्यु, निर्भरता से मुक्त जीवन, तथा मृत्यु के समय ईश्वर की उपस्थिति की इच्छा।
मंदिर में दर्शन करने के बाद सीढ़ियों पर बैठकर आंखें बंद करके इस श्लोक का जाप करने से मनोकामनाएं पूरी होंगी और मन को शांति मिलेगी। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज भी कई लोग इसका पालन करते हैं। श्लोक पढ़ते समय ईश्वर का स्मरण करते हुए भक्तिपूर्वक इसका जप करना चाहिए।
मंदिर जाते समय कुछ नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। प्रवेश करने से पहले अपने हाथ-पैर साफ करें और गंदे हाथों से मूर्ति को न छुएं। दर्शन के दौरान अपनी आंखें खुली रखें और पूरी एकाग्रता से प्रार्थना करें, इधर-उधर न देखें। पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करें, लेकिन इसे दूसरों के साथ न बांटें। श्लोकों का जाप करते समय अपनी आँखें बंद कर लें और ईश्वर पर ध्यान केंद्रित रखें। मान्यता है कि इन नियमों और श्लोकों का पालन करने से ईश्वर की कृपा से जीवन से दुख-दर्द दूर होते हैं और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।