शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए, लेकिन पाकिस्तान सीमा पर ‘समझौते’ का उल्लंघन कर रहा है
तीन दिनों की भीषण सैन्य झड़पों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार (10 मई, 2025) को “सैन्य कार्रवाई” और “गोलीबारी” रोकने के लिए एक “समझौता” हो गया, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, “दोनों देश शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इसकी सफलता आपसी विश्वास पर निर्भर करती है।” लेकिन इस घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्तान पर सीमा पर गोलीबारी करके समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगा।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस “समझौते” पर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सहमति बनी थी। हालाँकि, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए दुखद आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कठोर दंडात्मक कदमों पर इस समझौते का कोई असर नहीं पड़ेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हम शांति के लिए अपने प्रयास जारी रख रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।” इस हमले में 15 लोगों के मारे जाने के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक और आर्थिक कार्रवाई की है।
हालाँकि, शांति समझौते के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर सीमा पर पाकिस्तानी गोलाबारी ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। स्थानीय निवासी रियाज़ अहमद ने कहा, “हम शांति चाहते हैं, लेकिन यह गोलाबारी हमारे जीवन को अनिश्चित बना रही है।” भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान का यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने में एक बड़ी बाधा है। इस स्थिति में, शांति प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए दोनों देशों की ओर से कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता है।