रेलवे अधिकारियों के खिलाफ शिकायत: चेन्नई-पलक्कड़ एक्सप्रेस में बर्थ गिरने से यात्री घायल

दक्षिण रेलवे के सलेम डिवीजन में सोमवार (12 मई, 2025) को चेन्नई-पलक्कड़ एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 22651) के स्लीपर कोच में मिडिल बर्थ गिरने से 39 वर्षीय महिला यात्री सुरिया मुरुगन के सिर में चोट लगने के बाद उनके पति टी. जोथी जयशंकर ने रेलवे अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। उन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे कर्मचारियों ने घायल यात्री को चिकित्सा सहायता प्रदान नहीं की। जोथी ने सरकारी रेलवे पुलिस को दी अपनी याचिका में घटना का विवरण देते हुए रेलवे कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
घटना और रेलवे की प्रतिक्रिया: सुरिया को सिर में खून बहने की स्थिति में देखकर ट्रैवलिंग टिकट एक्जामिनर (TTE) ने परिवार को अगले स्टेशन मोरप्पुर में उतरने को कहा। जब जोथी ने मोरप्पुर में एम्बुलेंस या चिकित्सा सहायता की व्यवस्था के बारे में पूछा, तो TTE ने जवाब दिया कि उन्हें स्वयं व्यवस्था करनी होगी। रात 1:25 बजे होने के कारण, परिवार ने सलेम तक यात्रा जारी रखने का फैसला किया, जहां रेलवे ने ‘108’ एम्बुलेंस बुलाने का वादा किया। जोथी ने बताया कि ट्रेन में कोई डॉक्टर या प्राथमिक चिकित्सा किट उपलब्ध नहीं थी, और उनकी पत्नी ने सलेम जंक्शन पर सुबह 2:45 बजे पैरामेडिकल स्टाफ के पहुंचने तक रूमाल से खून रोका।
रेलवे का पक्ष और जांच: दक्षिण रेलवे के प्रवक्ता एम. सेंथमिल सेल्वन ने पुष्टि की कि ट्रेन मैनेजर के पास प्राथमिक चिकित्सा किट थी, जैसा कि भारतीय रेलवे की सभी ट्रेनों में होता है। मैनेजरों को घावों की ड्रेसिंग सहित बुनियादी चिकित्सा सहायता के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। उन्होंने दावा किया कि मोरप्पुर के स्टेशन मास्टर और ट्रेन मैनेजर को मरीज की देखभाल के लिए कहा गया था, लेकिन यात्री ने मोरप्पुर को अपरिचित बताकर सलेम जाने का फैसला किया। रेलवे ने बर्थ की फिटिंग और किसी भी चूक की जांच के लिए तत्काल विभागीय जांच शुरू की है। जोथी ने रेलवे की कथित लापरवाही और परिवार को हुई मानसिक पीड़ा के लिए कार्रवाई की मांग की है।

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