KSRTC मंगलुरु ने पांच महीनों में UPI भुगतान से ₹6.53 करोड़ का टिकट किराया जमा किया
कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) मंगलुरु डिवीजन ने नवंबर 2024 में शुरू हुए UPI-आधारित भुगतान सिस्टम के माध्यम से पांच महीनों में ₹6.53 करोड़ का टिकट किराया जमा किया है। डिवीजन के अनुसार, नवंबर 2024 में ₹31.95 लाख, दिसंबर में ₹1.15 करोड़, जनवरी 2025 में ₹1.47 करोड़, फरवरी में ₹1.70 करोड़, और मार्च में ₹1.87 करोड़ का संग्रह हुआ, जो डिजिटल भुगतान की बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाता है। KSRTC मंगलुरु डिवीजन की सभी 533 रूटों पर चलने वाली बसें इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग सिस्टम (ETS) से लैस हैंडहेल्ड डिवाइस का उपयोग करती हैं, जो UPI लेनदेन को सुगम बनाते हैं। कंडक्टर यात्रियों के गंतव्य और प्रारंभिक स्थान को डिवाइस में दर्ज करता है, जिसके बाद एक डायनामिक QR कोड प्रदर्शित होता है। यात्री इसे स्कैन कर विभिन्न भुगतान ऐप्स से भुगतान करते हैं, और KSRTC मंगलुरु डिपो के खाते में राशि जमा होने पर टिकट जनरेट होता है।
चुनौतियाँ और प्रतिक्रिया: कंडक्टरों ने UPI सिस्टम की सराहना की, क्योंकि यह नकद बदलाव की समस्या को खत्म करता है। हालांकि, कुछ कंडक्टरों ने नेटवर्क समस्याओं के कारण लेनदेन में देरी की शिकायत की। एक उप्पिनंगडी-बाउंड बस के कंडक्टर ने बताया कि खराब नेटवर्क के कारण KSRTC के खाते में राशि जमा होने में देरी होती है, जिससे अन्य यात्रियों के टिकट जारी करने में विलंब होता है। एक अन्य कंडक्टर ने कहा कि जब यात्री के खाते से राशि कट जाती है, लेकिन KSRTC के खाते में जमा नहीं होती, तो उन्हें यात्रियों से नकद भुगतान करने का आग्रह करना पड़ता है, यह आश्वासन देते हुए कि कटी हुई राशि वापस हो जाएगी। कुछ यात्री सहमत होते हैं, जबकि अन्य नहीं। मंगलुरु डिवीजनल कंट्रोलर राजेश शेट्टी ने कहा कि QR-आधारित भुगतान से कंडक्टरों को राहत मिली है, क्योंकि अब बदलाव लौटाने की जरूरत नहीं पड़ती।
प्रभाव और संदर्भ: KSRTC ने EbixCash Ltd. के साथ मिलकर इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) लागू किया है, जिसमें 10,245 स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनें (ETMs) 8,800 बसों में तैनात की गई हैं। यह कर्नाटक में पहला परिवहन निगम है, जो डिजिटल भुगतान को पूरी तरह लागू कर रहा है। यात्री इस पहल का स्वागत कर रहे हैं, क्योंकि यह नकद और सटीक बदलाव की समस्याओं को हल करता है। हालांकि, मार्च 2025 में मायसुरु में UPI लेनदेन में तकनीकी खामियों के कारण यात्रियों और कंडक्टरों के बीच विवाद की खबरें भी सामने आई थीं। KSRTC अगले पांच वर्षों में 15,000 और डिवाइस तैनात करने की योजना बना रहा है, ताकि टिकट संग्रह पूरी तरह स्वचालित हो सके।