कुंदापुर की कंपनी ने जंगली आम को वैक्यूम-फ्राइड खाद्य उद्योग में पेश किया

उदुपी जिले के कुंदापुर तालुक में उल्लूर 74 गांव में स्थित गोकुल फ्रूट्स प्राइवेट लिमिटेड ने दो जंगली आम की प्रजातियों, मालबार और भटकल, से वैक्यूम-फ्राइड चिप्स बनाना शुरू किया है। कंपनी के निदेशक रोहित कोडगी ने ‘द हिंदू’ को बताया कि यह पहल फल में मूल्यवृद्धि के साथ एक अनूठा और पौष्टिक स्नैक विकल्प प्रदान करती है। उत्पादन श्रमसाध्य है, क्योंकि आम छीलने के लिए कोई मशीन उपलब्ध नहीं है और यह कार्य मैन्युअल रूप से किया जाता है। 100 किलोग्राम आम से केवल 10 किलोग्राम चिप्स बनते हैं, यानी उपज मात्र 10% है।

बाजार और किसानों को लाभ: गोकुल फ्रूट्स ने हाल ही में बेंगलुरु और गोवा के बाजारों में ये चिप्स लॉन्च किए हैं। मालबार और भटकल आम की उपलब्धता अप्रैल के तीसरे सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक केवल दो महीने होती है। ठंडे परिस्थितियों में चिप्स छह महीने तक संग्रहीत किए जा सकते हैं। कोडगी ने बताया कि ये आम पहले टेबल उपयोग या मुंबई के बाजारों में बिक्री के लिए जाते थे। इस साल कंपनी द्वारा इनकी खरीद शुरू करने से किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है। इन प्रजातियों में कीड़े नहीं होते, जो चिप्स उत्पादन के लिए एक अतिरिक्त लाभ है। प्रति 100 ग्राम चिप्स में 54.64 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 40.3 ग्राम कुल वसा, 5.6 ग्राम क्रूड फाइबर, 1.38 ग्राम प्रोटीन और 586.35 किलोकैलोरी ऊर्जा होती है।

कंपनी का अनुभव और भविष्य: गोकुल फ्रूट्स ने 2006 में जैकफ्रूट चिप्स के वैक्यूम-फ्राइड उत्पादन शुरू किया था और अब प्रति सीजन 8,000 से 10,000 किलोग्राम जैकफ्रूट चिप्स बनाती है। कोडगी ने कहा कि हाइब्रिड आम की प्रजातियों से भी वैक्यूम-फ्राइड चिप्स बनाए जा सकते हैं, लेकिन उनकी उच्च लागत के कारण उत्पादन खर्च अधिक होगा। कंपनी ने पहले भी भindi, काजू, और मूंगफली जैसे वैक्यूम-फ्राइड स्नैक्स बनाए हैं, जो स्वास्थ्यवर्धक विकल्प के रूप में लोकप्रिय हैं। यह नई पहल न केवल स्थानीय किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचा रही है, बल्कि स्वच्छ और पौष्टिक स्नैक्स की बढ़ती मांग को भी पूरा कर रही है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *