दुर्लभ बीमारी से 23 वर्षीय ईरानी युवक की गर्दन नहीं संभाल सकी सिर: मादक द्रव्यों का दुष्परिणाम
ईरान के इस्फहान में अल-जहरा विश्वविद्यालय अस्पताल के डॉक्टर उस समय स्तब्ध रह गए जब 23 वर्षीय एक मरीज, जो अपनी गर्दन पर सिर को संभाल नहीं पा रहा था, उनके पास पहुंचा। इस युवक को ड्रॉप्ड हेड सिंड्रोम नामक एक दुर्लभ स्थिति का सामना करना पड़ रहा था, जो लंबे समय तक एम्फेटामाइन, हेरोइन और अफीम के दुरुपयोग का परिणाम थी। इस स्थिति ने उसकी गर्दन की मांसपेशियों को इतना कमजोर कर दिया कि वह सिर को सीधा रखने में असमर्थ था।
ड्रॉप्ड हेड सिंड्रोम, जिसे फ्लॉपी हेड सिंड्रोम भी कहा जाता है, सामान्यतः मोटर न्यूरॉन रोग जैसे न्यूरोमस्कुलर रोगों से जुड़ा होता है। हालांकि, इस मामले में डॉक्टरों का मानना है कि इसका कारण मादक द्रव्यों का दुरुपयोग था। मरीज को काइफोटिक गर्दन की स्थिति का सामना करना पड़ा, जिसमें उसकी ठुड्डी छाती से चिपक गई थी। उसे पुराने गर्दन दर्द और बाहों में झुनझुनी या सुन्नता (पैरेस्थेसिया) की शिकायत थी। मरीज का कोई आघात या जन्मजात रीढ़ की समस्या का इतिहास नहीं था, और नशा शुरू होने से पहले उसकी गर्दन सामान्य थी।
केस स्टडी के सह-लेखक डॉ. माजिद रेजवानी ने बताया कि ड्रग्स ने रीढ़ को सीधे नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि नशे की हालत में लंबे समय तक गलत मुद्रा में रहने से मस्कुलोस्केलेटल विकृतियाँ, जैसे काइफोस्कोलियोसिस (ऊपरी पीठ का अत्यधिक गोल होना), विकसित हुईं। मरीज ने 15 महीने तक हर्बल उपचारों से स्थिति को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन अंततः चिकित्सा सहायता मांगी। सीटी स्कैन में रीढ़ की गंभीर विकृति दिखाई दी। सर्जरी में विकृत हड्डी को हटाकर लॉकिंग केज से गर्दन को स्थिर किया गया। सर्जरी सफल रही, और अगले दिन मरीज सहारे से चल सका। तीन महीने तक हार्ड कॉलर पहनने और पुनर्वास के बाद, उसने नशे की लत भी छोड़ दी।