अमृतसर में जहरीली शराब से 21 की मौत, सीएम भगवंत मान ने हर मृतक के परिवार को 10 लाख की सहायता का ऐलान किया
पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य अस्पताल में भर्ती हैं। मृतकों में अधिकांश दैनिक वेतन श्रमिक थे, जो आसपास के सात गांवों से थे। इस घटना के बाद पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य वितरक और रैकेट के कथित मास्टरमाइंड शामिल हैं।
पुलिस जांच में यह सामने आया कि जहरीली शराब में मेथनॉल मिलाया गया था, जो मानव शरीर के लिए बेहद हानिकारक है। इसे कम लागत में शराब की मात्रा बढ़ाने के लिए अवैध रूप से मिलाया जाता है। पुलिस ने इस मामले में दो FIR दर्ज की हैं, जिसमें हत्या और आबकारी अधिनियम के तहत गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।
लापरवाही के लिए पुलिस अधिकारियों का निलंबन
अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी और राज्य पुलिस प्रमुख गौरव यादव ने बताया कि मजीठा के DSP अमोलक सिंह और SHO अवतार सिंह को लापरवाही के कारण निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
जहरीली शराब का निर्माण और वितरण
अमृतसर ग्रामीण के SSP मनींद्र सिंह ने बताया कि पुलिस को सोमवार रात 9:30 बजे के आसपास मौतों की सूचना मिली। मुख्य वितरक प्रभजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया, और पूछताछ में साहिब सिंह नामक रैकेट के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया, जो लुधियाना के एक रासायनिक कंपनी से मेथनॉल की आपूर्ति कर रहा था।
अब तक 600 लीटर मेथनॉल की बरामदगी की जा चुकी है। पुलिस और आबकारी विभाग इस मामले में और बड़ी आपूर्ति को पकड़ने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं।
सीएम भगवंत मान ने घोषित की मुआवजा
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रभावित गांवों का दौरा किया और मृतकों के परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। साथ ही, बच्चों की मुफ्त शिक्षा और परिवारों के लिए नौकरी सहायता का आश्वासन भी दिया। सीएम मान ने इस घटना को “हत्या” करार दिया और कहा कि बिना राजनीतिक, प्रशासनिक या पुलिस समर्थन के ऐसा नहीं हो सकता।