कानपुर यूनिवर्सिटी ने इस्तांबुल यूनिवर्सिटी संग MOU किया रद्द
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के बाद, अब कानपुर विश्वविद्यालय ने भी इस्तांबुल विश्वविद्यालय के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) को रद्द कर दिया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने इस निर्णय के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा उससे भी ऊपर है और किसी भी कीमत पर इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारत और तुर्की के बीच संबंध कुछ मुद्दों पर तनावपूर्ण बने हुए हैं।
प्रोफेसर पाठक ने आगे कहा कि तुर्की की ओर से हाल ही में अपनाए गए कुछ फैसले भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खुले तौर पर शत्रुतापूर्ण प्रतीत होते हैं। ऐसे परिदृश्य में, किसी भी ऐसे विदेशी विश्वविद्यालय के साथ शैक्षणिक या अनुसंधान सहयोग जारी रखना उचित नहीं है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमारे राष्ट्रीय हितों के विपरीत रुख अपनाता हो। कानपुर विश्वविद्यालय का यह निर्णय राष्ट्रीय हितों की रक्षा के प्रति उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह संदेश देता है कि देश की सुरक्षा और अखंडता से समझौता नहीं किया जा सकता है। विश्वविद्यालय भविष्य में भी ऐसे कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा जो भारत की सुरक्षा और संप्रभुता को बनाए रखने में सहायक हों।