‘अमेरिका फर्स्ट से ट्रंप फर्स्ट तक’ इतिहास गवाह है…

अमेरिकी विदेश नीति का एक मूलभूत सिद्धांत “अमेरिका फर्स्ट” रहा है, जो यह निर्धारित करता है कि किसी भी देश के साथ अमेरिका के संबंध मुख्य रूप से अमेरिकी हितों से प्रेरित होते हैं। ऐतिहासिक रूप से, भारत और अमेरिका के बीच संबंध अक्सर दोनों देशों के नेताओं के व्यक्तिगत संबंधों से प्रभावित रहे हैं। इस संदर्भ में, डोनाल्ड ट्रम्प के “ट्रम्प फर्स्ट” के स्पष्ट आग्रह को देखते हुए, भारत को उनसे महत्वपूर्ण समर्थन की उम्मीद करना अवास्तविक है। ट्रम्प की विदेश नीति में व्यक्तिगत लाभ और अमेरिकी हितों को प्राथमिकता दी गई है, जिससे भारत के लिए एक भरोसेमंद सहयोगी के रूप में अमेरिका की भूमिका संदिग्ध हो जाती है।

पाकिस्तान ने ऐतिहासिक रूप से ईरान, भारत और चीन के खिलाफ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मंच के रूप में अमेरिका की सेवा की है, और यह संभावना है कि यह भूमिका भविष्य में भी जारी रहेगी। अमेरिकी विदेश नीति में पाकिस्तान का यह रणनीतिक महत्व भारत के लिए एक जटिल चुनौती पेश करता है। यह मानना कि अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ भारत को सीधा समर्थन देगा, एक गलत धारणा है। अमेरिकी विदेश नीति में पाकिस्तान का महत्व और ट्रम्प की “ट्रम्प फर्स्ट” नीति का संयोजन भारत के लिए एक कठिन भू-राजनीतिक परिदृश्य बनाता है।

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