ऑपरेशन सिंदूर: पाक अधिकृत कश्मीर में गरजे T-72 टैंक! भारत ने दिखाई सिर्फ १०% शक्ति, ९०% अभी बाकी
७ मई २०२५ का दिन भारतीय सेना के इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में फैले ९ आतंकवादी ठिकानों को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया। यह पहली बार था जब इस अभियान में T-72 टैंक और BMP-2 आर्मर्ड पर्सनल कैरियर को सीधे नियंत्रण रेखा (LoC) पर तैनात किया गया और दुश्मन के इलाके में घुसकर आतंकवाद का सफाया किया गया।
पहलगाम पर्यटक हमले का जवाब
यह अभियान २२ अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में २५ भारतीयों और एक नेपाली पर्यटक की मौत के जवाब में किया गया था। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़े एक आतंकवादी संगठन ने ली थी। इसका बदला लेने के लिए, ७ मई को सुबह ३:३० बजे, भारतीय सेना ने अपना अभियान शुरू किया और लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्य केंद्रों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
T-72 टैंकों का सटीक निशाना और ४००० मीटर की मारक क्षमता
एक साक्षात्कार में सेना के एक कर्नल ने बताया कि अभियान से पहले हमने LoC पर अपनी स्थिति मजबूत की थी। T-72 टैंक १२५ मिमी तोप से लैस हैं और इनमें ४००० मीटर तक मार करने वाली मिसाइलें भी हैं। हमने इनका सीमित लेकिन सटीक इस्तेमाल किया ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय सेना ने दुश्मन की उन चौकियों को निशाना बनाया जो आतंकवादी घुसपैठ को बढ़ावा दे रही थीं।
सिर्फ १०% शक्ति का प्रदर्शन, ९०% अभी भी तैयार
कर्नल के अनुसार, हमने बहुत कम संसाधनों का इस्तेमाल किया। यह एक बड़ी घटना थी लेकिन पूर्ण युद्ध नहीं। हमारी पूरी आर्मर्ड ब्रिगेड तैयार है।
वायुसेना और पैदल सेना के बाद अब बख्तरबंद डिवीजन की वीरता सामने
अभी तक इस अभियान में वायुसेना और पैदल सेना की भूमिका ही सामने आई थी, लेकिन अब पहली बार बख्तरबंद डिवीजन की भूमिका भी सामने आई है। यह भी स्पष्ट है कि सेना पूरी तरह से एक संगठित और सुविचारित अभियान के तहत आगे बढ़ी थी।
पाकिस्तान का जवाबी हमला विफल
अभियान के बाद पाकिस्तान ने मिसाइलों और ड्रोन के जरिए जवाबी हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय रक्षा प्रणाली ने हर हमले को विफल कर दिया। १० मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम समझौता हुआ, लेकिन भारतीय सेना अभी भी सतर्क अवस्था में है।
अब दुनिया को भारत का संदेश देने के लिए ५१ सांसदों का दल रवाना
अब केंद्र सरकार ने ५१ सांसदों, पूर्व मंत्रियों और विभिन्न दलों के नेताओं का एक दल बनाया है, जो दुनिया के विभिन्न देशों में जाकर भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और ऑपरेशन सिंदूर के पीछे के कारणों और रणनीति को समझाएगा।