“एक पेड़ मां के नाम”- पेड़ लगाकर लड़कियों की आय बढ़ेगी, जानिए केंद्रीय परियोजना के बारे में
पर्यावरण संरक्षण में हरियाली को बढ़ावा देने के साथ-साथ महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकारें एक अभिनव पहल कर रही हैं। ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम के तहत, अब स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को नगर पालिका-आधारित सरकारी स्थानों पर पेड़ लगाने के काम से जोड़ा जा रहा है। यह व्यापक वृक्षारोपण अभियान 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर देशव्यापी स्तर पर शुरू होगा, जिसमें पश्चिम बंगाल को एक प्रमुख केंद्र के रूप में चुना गया है।
‘एक पेड़ मां के नाम’: एक तीर से दो निशाने
इस परियोजना के मुख्य उद्देश्य दो हैं – एक ओर वनरोपण के माध्यम से पृथ्वी के तापमान को कम करना और पर्यावरण संतुलन बनाए रखना, दूसरी ओर पेड़ लगाने और उनकी देखभाल के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए आय के अवसर पैदा करना। इससे महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगी और समाज में उनका योगदान भी बढ़ेगा।
पश्चिम बंगाल के 10 शहर इस परियोजना के दायरे में
देश भर से चुने गए कुल पांच राज्यों में पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। पश्चिम बंगाल के दस शहरों को इस कार्यक्रम के लिए चुना गया है, जिनमें प्रमुख हैं: डायमंड हार्बर, उत्तर दमदम, दमदम, इंग्लिशबाजार, जंगीपुर, बांसबेरिया, मध्यमग्राम, कोन्नगर और न्यू बैरकपुर। इन सभी नगर पालिका क्षेत्रों के सरकारी स्थानों पर मुख्य रूप से पेड़ लगाए जाएंगे।
नगर पालिका क्षेत्रों में सरकारी स्थानों की पहचान का काम लगभग अंतिम चरण में है। पेड़ लगाने के बाद दो साल तक पेड़ों की देखभाल के लिए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार की विभिन्न नर्सरियों और वन विभाग से इन पौधों की आपूर्ति की जाएगी।
‘अमृत 2.0’ परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा
यह पहल केंद्र सरकार की अमृत 2.0 परियोजना का एक हिस्सा है। इस परियोजना के तहत, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को ‘अमृत मित्र’ के रूप में नगर पालिका क्षेत्रों के पार्क रखरखाव, निगरानी, वॉटर मीटर रीडिंग और पानी की गुणवत्ता परीक्षण के लिए नमूना संग्रह के काम में भी लगाया गया है। इससे महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर और बढ़ रहे हैं।
मध्यमग्राम का उदाहरण
मध्यमग्राम नगर पालिका के तहत 1271 स्वयं सहायता समूह हैं। इनमें से 27 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को इस वृक्षारोपण कार्यक्रम से जोड़ा गया है। नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन और अमृत परियोजना के नोडल अधिकारियों ने महिलाओं के साथ मिलकर मध्यमग्राम के पार्क, स्कूल, तालाब, गड्ढे, नहर जैसे सरकारी स्थानों को पेड़ लगाने के लिए चिह्नित किया है।
मध्यमग्राम नगर पालिका क्षेत्र में 50 से अधिक स्थानों की पहचान की गई है। इन सभी क्षेत्रों में जाकर स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं ही निवासियों के बीच पेड़ लगाने के लिए प्रचार का काम भी करेंगी। चालू माह के भीतर प्रचार और पहचान का काम पूरा करने के बाद, आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करेंगी।
मध्यमग्राम नगर पालिका के चेयरमैन निमाई घोष ने इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, “अमृत 2.0 परियोजना केंद्र की है, लेकिन राज्य सरकार ने राज्य के 10 शहरों में मध्यमग्राम नगर पालिका को रखा है। इसके लिए हम नगर पालिका की ओर से उनका धन्यवाद करते हैं।”
यह कार्यक्रम एक ओर हरे-भरे वातावरण को वापस लाने में मदद करेगा, वहीं दूसरी ओर जमीनी स्तर पर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।