कैंसर के इलाज में युगांतरकारी सफलता! भारतीय मूल के डॉक्टर ने किया दुनिया का पहला मूत्राशय प्रतिस्थापन!
संयुक्त राज्य अमेरिका के डॉक्टरों ने दुनिया में पहली बार सफलतापूर्वक मूत्राशय प्रतिस्थापित किया है। लॉस एंजिल्स के 41 वर्षीय ऑस्कर लाराइंजर के शरीर में यह मूत्राशय प्रतिस्थापित किया गया। डॉक्टरों का दावा है कि यह न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में, बल्कि चिकित्सा विज्ञान के इतिहास में भी एक अभूतपूर्व सफलता है।
डॉक्टरों का यह भी दावा है कि यह सर्जरी गंभीर अंग विफलता (ऑर्गन फेलियर) से पीड़ित हजारों रोगियों के जीवन में नई आशा का संचार करेगी।
अमेरिकी समाचार एजेंसी न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस युगांतरकारी सर्जरी के पीछे भारतीय मूल के मूत्र रोग विशेषज्ञ (यूरोलॉजिस्ट) इंदरवीर गिल हैं। सर्जरी के बाद डॉक्टर ने बताया कि मरीज ट्रैकियल एडेनोकार्सिनोमा नामक एक दुर्लभ प्रकार के कैंसर से पीड़ित था। चार साल पहले ट्यूमर हटाने की सर्जरी के बाद उनके मूत्राशय की कार्यक्षमता लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गई थी। जहां एक सामान्य मूत्राशय 300 घन सेंटीमीटर से अधिक तरल धारण कर सकता है, वहीं वह केवल 30 घन सेमी मूत्र धारण कर पाते थे। यानी उनमें पेशाब रोकने की कोई क्षमता नहीं थी। इस सर्जरी के बाद वह सामान्य रूप से शौचालय का उपयोग करने में सक्षम हो गए हैं।
गिल ने आगे कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस प्रतिस्थापन ने रोगियों के लिए ऐसी संभावना का द्वार खोल दिया है जो पहले नहीं थी। अंग प्रतिस्थापन एक जीवन रक्षक सर्जरी है। कई मामलों में रोगी का जीवन बचाने और जीवन स्तर में सुधार के लिए यह विधि अत्यंत आवश्यक हो जाती है। अब उस सूची में मूत्राशय प्रतिस्थापन को भी जोड़ा जा सकता है।”