भिखारी के वेश में ‘भारत के जेम्स बॉन्ड’: पाकिस्तान का परमाणु षड्यंत्र विफल!

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जिन्हें ‘भारत के जेम्स बॉन्ड’ के नाम से जाना जाता है, अपनी साहसी और रोमांचक खुफिया-मिशनों के लिए खुफिया समुदाय में एक किंवदंती हैं। एक समय ऐसा था जब पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के शुरू होने से पहले ही उसे रोकने में डोभाल की बड़ी भूमिका थी। 1972 में भारत के पहले परमाणु परीक्षण ने पाकिस्तान को उत्तेजित कर दिया।

पाकिस्तान ने फ्रांस और चीन की मदद से परमाणु हथियार बनाने की कोशिश शुरू की। जब फ्रांस को यह समझ आया कि यह परियोजना केवल भारत के खिलाफ है, तो वह पीछे हट गया। बाद में चीन और उत्तर कोरिया की मदद से पाकिस्तान आगे बढ़ा। तब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने खुफिया तंत्र को सक्रिय किया और संदेह पैदा हुआ कि पाकिस्तान के कहूटा शहर में यह परीक्षण चल रहा है।

इस दौरान डोभाल भिखारी का वेश बनाकर कहूटा रिसर्च सेंटर के बाहर बैठ गए। उन्होंने उन वैज्ञानिकों का पीछा किया और एक ऐसे सैलून का पता लगाया जहाँ वे बाल कटवाने जाते थे। वहाँ से उन्होंने वैज्ञानिकों के बाल इकट्ठा किए और उन्हें गुप्त रूप से भारत भेजा। विश्लेषण से पता चला कि कहूटा में ही परमाणु हथियार बनाने का काम चल रहा था। इस खुफिया गतिविधि से पाकिस्तान इतना भयभीत हो गया कि उन्होंने कई सालों के लिए परमाणु परीक्षण स्थगित कर दिया। हालाँकि पाकिस्तान ने भारतीय जासूसों की हत्या कर बदला लिया, डोभाल सफलतापूर्वक वापस आ गए। इस साहसिक अभियान से भारत ने जहाँ रक्षात्मक जीत हासिल की, वहीं डोभाल का नाम इतिहास में अमर हो गया।

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