मोहम्मद यूनुस का सपना चार करीबियों के वार से टूटा, बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल की अंदरूनी कहानी

बांग्लादेश में जारी राजनीतिक खींचतान के बीच, अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है।1 अगस्त 2024 में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद जिन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, वही यूनुस महज 9 महीनों में ही अपने ही लोगों के विश्वासघात से अलग-थलग पड़ गए हैं।

पहला झटका खालिलुर रहमान की ओर से आया, जो देश के आंतरिक मामलों के सलाहकार और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे थे। पाकिस्तान के प्रवेश और रोहिंग्या कॉरिडोर से जुड़े फैसलों ने उन्हें जन आक्रोश के केंद्र में ला दिया। बीएनपी ने खुलकर उनके इस्तीफे की मांग की।

दूसरा और सबसे जोरदार झटका सेना प्रमुख जमान की ओर से आया। जो कभी यूनुस के करीबी थे, अब सीधे चुनाव के पक्ष में खड़े हो गए हैं। मई 2025 में यूनुस ने उन्हें अमेरिका दौरे पर जाने से रोका, जिसके बाद से जमान सार्वजनिक रूप से यूनुस के खिलाफ हो गए हैं।

तीसरा, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की वापसी ने स्थिति को और जटिल बना दिया। बीएनपी अब अंतरिम सरकार पर चुनाव और सलाहकारों को हटाने का दबाव डाल रही है।

सबसे आखिर में, ढाका के मेयर इशराक हुसैन के साथ हुए टकराव ने यूनुस की स्थिति को और कमजोर कर दिया। अदालत के फैसले में इशराक की जीत और सड़कों पर उनकी लोकप्रियता स्पष्ट रूप से सामने आई, जिसके बाद यूनुस ने इस्तीफा देने का फैसला किया।

बांग्लादेश के इस राजनीतिक नाटक में अब सबकी निगाहें चुनाव और नए नेतृत्व की ओर हैं।

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