कोविड-19: क्या देश में फिर से पैर पसार रहा है कोरोना? कई राज्यों में अलर्ट जारी, बंगाल में कितने मामले?
भारत में कोविड-19 के नए सब-वेरिएंट OF.7 और NB.1.8 का संक्रमण बढ़ रहा है, खासकर महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में। बुजुर्गों और बीमारों के लिए खतरा अधिक है, इसलिए स्वास्थ्य नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है।
भारत में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, नए सब-वेरिएंट OF.7 और NB.1.8 देशभर में संक्रमण फैला रहे हैं।
ये दोनों ही वैरिएंट ओमिक्रॉन के JN.1 वंश से संबंधित हैं। क्या देश एक और लहर का सामना करने वाला है? सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
OF.7 और NB.1.8 ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट हैं, जिनके तेजी से फैलने की संभावना है। इनकी खासियत यह है कि ये बहुत कम समय में अधिक लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन्हें ‘चिंता का प्रकार‘ (Variant of Interest) घोषित किया है। हालांकि, इन्हें अभी तक ‘गंभीर चिंता का प्रकार‘ (Variant of Concern) नहीं माना गया है, फिर भी इनकी निगरानी की जा रही है।
सिंगापुर, हांगकांग और मलेशिया जैसे देशों में भी कोरोना के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है। वहां भी यही वैरिएंट सक्रिय पाए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विश्वव्यापी संक्रमण की एक और लहर का संकेत हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
पश्चिम बंगाल में कुछ-कुछ क्षेत्रों में संक्रमण में हल्की वृद्धि देखी जा रही है। कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और दक्षिण बंगाल के कुछ जिलों में रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या बढ़ती हुई देखी जा रही है। हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि अभी घबराने जैसी स्थिति नहीं बनी है।
महाराष्ट्र में एक सप्ताह में सक्रिय मामलों की संख्या 12 से बढ़कर 56 हो गई है। केरल, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और सिक्किम में भी कोरोना के बढ़ते मामले सामने आए हैं। केंद्र ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और निवारक उपाय करने का निर्देश दिया है।
यदि आपको लगातार खांसी, बुखार, थकान, सिरदर्द या गले में खराश है, तो यह कोविड के लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, पिछली बार की तुलना में इस बार गंध और स्वाद खोने के लक्षण कम देखे जा रहे हैं। अधिकांश रोगियों में लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन बहुत जोखिम वाले रोगियों के लिए यह गंभीर हो सकता है।
65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और हृदय रोग, किडनी और फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति इस नए वैरिएंट से अधिक प्रभावित हो सकते हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि इन समूहों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए, मास्क पहनना चाहिए, कम बाहर जाना चाहिए और समय पर बूस्टर खुराक लेनी चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना, सैनिटाइजर का उपयोग करना और भीड़ से दूरी बनाए रखना अभी भी बहुत महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से बहुत जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए बूस्टर खुराक लेना अनिवार्य है। हल्के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत खुद को क्वारंटाइन करें और जांच करवाएं।
यदि आप अस्वस्थ महसूस करते हैं या कोविड जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो सबसे पहले खुद को क्वारंटाइन करें। ऑफिस या स्कूल न जाएं। जांच करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें। महत्वपूर्ण काम के बिना बाहर न निकलें। याद रखें, सावधानी केवल आपके लिए नहीं, बल्कि आपके परिवार और समाज के लिए भी आवश्यक है।