रक्तचाप नियंत्रण: WHO की सलाह, लक्षण और बचाव के उपाय
नई दिल्ली। उच्च रक्तचाप, जिसे हाई बीपी भी कहा जाता है, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसमें रक्त वाहिकाओं में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। यह समस्या अक्सर बिना किसी स्पष्ट लक्षण के बढ़ती है, जिससे इसे “खामोश हत्यारा” भी कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, विश्वभर में 30 से 79 वर्ष की आयु के 1.28 अरब लोग उच्च रक्तचाप से प्रभावित हैं, जिनमें से 46 प्रतिशत को तो अपनी स्थिति का पता ही नहीं होता। समय पर इलाज न मिलने पर यह हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी और स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है।
उच्च रक्तचाप के प्रमुख कारण:
- बढ़ती उम्र
- अधिक वजन
- अधिक सोडियम (नमक) वाला आहार
- अत्यधिक शराब का सेवन
- आनुवंशिकी
- शारीरिक निष्क्रियता
उच्च रक्तचाप के लक्षण:
हालांकि, अक्सर उच्च रक्तचाप के कोई शुरुआती लक्षण नहीं होते, लेकिन कुछ मामलों में सीने में दर्द, सिरदर्द, कमजोरी, चिंता, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ, कानों में बजना, नाक से खून आना, दिल की धड़कन तेज होना और धुंधली दृष्टि जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन लक्षणों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए और तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
डब्ल्यूएचओ द्वारा सुझाई गई बचाव और उपचार की सलाह:
विश्व स्वास्थ्य संगठन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण सुझाव देता है:
- स्वस्थ आहार: अपने भोजन में नमक का सेवन कम करें। अत्यधिक नमक उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण है। फलों और सब्जियों का सेवन बढ़ाएँ।
- वजन नियंत्रण: अतिरिक्त वजन कम करना रक्तचाप को कम करने में सहायक होता है।
- शारीरिक सक्रियता: नियमित रूप से व्यायाम और योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। शारीरिक निष्क्रियता उच्च रक्तचाप का जोखिम बढ़ाती है।
- नशे से दूरी: यदि आप तंबाकू या शराब का सेवन करते हैं, तो तुरंत बंद कर दें।
- तनाव प्रबंधन: तनाव को नियंत्रित करने का प्रयास करें, क्योंकि अत्यधिक तनाव भी रक्तचाप बढ़ा सकता है।
- नियमित जांच: अपने रक्तचाप की नियमित रूप से जांच करवाते रहें ताकि समय पर समस्या का पता चल सके।
- प्रदूषण से बचाव: वायु प्रदूषकों से यथासंभव दूर रहें।
इन दिशानिर्देशों का पालन करके आप उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।