दुनिया में कोरोना से भी खतरनाक फंगस की गंभीर चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना से भी अधिक गंभीर खतरे की चेतावनी दी है, जो एस्परगिलस फ्यूमिगेटस नामक फंगस के कारण होती है। यह घातक कवक एस्परगिलोसिस बीमारी फैलाता है, जो फेफड़ों से मस्तिष्क तक संक्रमण कर सकता है और इसकी मृत्यु दर 85.2% तक पहुंचती है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक यह फंगस पहले ही कई देशों में फैल चुका है और जल्द ही उत्तरी अमेरिका, यूरोप, चीन और रूस तक फैलने का खतरा है।

भारत में कोरोना के फिर से बढ़ने के बीच स्वास्थ्य विभाग भी इस फंगस को लेकर सतर्क हो गया है। यह फंगस गर्म और आर्द्र वातावरण में उगता है तथा सड़े हुए कार्बनिक पदार्थों और हवा में पाया जाता है। इसका पता लगाना और उपचार करना बेहद मुश्किल है, जिससे यह दवा-प्रतिरोधी हो चुका है।

मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के शोध में पता चला है कि जलवायु परिवर्तन के कारण 2100 तक यह फंगस 77% अधिक क्षेत्रों में फैल सकता है, जिससे लाखों लोगों को संक्रमण का खतरा होगा। एस्परगिलस फ्यूमिगेटस के साथ-साथ एस्परगिलस फ्लेवस और एस्परगिलस नाइजर जैसी प्रजातियां भी तेजी से खतरनाक होती जा रही हैं। शोधकर्ता नॉर्मन वान रिजन ने बताया कि कवकों पर वायरस की तुलना में कम शोध हुआ है, लेकिन ये भविष्य में वैश्विक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती बन सकते हैं। WHO ने 2022 में इस फंगस को महत्वपूर्ण फंगल रोगजनकों की सूची में शामिल किया है।

इस फंगस का चुपचाप फैलना नई महामारी का खतरा बढ़ा रहा है, इसलिए अब सावधानी और बचाव ही सबसे प्रभावी उपाय हैं।

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