पीएम के रोड शो में दिखीं कर्नल सोफिया का पूरा परिवार, पुष्पवर्षा से किया अभिनंदन

वडोदरा: हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभियान का एक महत्वपूर्ण चेहरा बनीं कर्नल सोफिया कुरेशी का परिवार आज गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो में देखा गया।1 सोफिया के माता-पिता और उनकी जुड़वां बहन प्रधानमंत्री को देखने के लिए उपस्थित थे और उनकी उपस्थिति ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।2
दो दिवसीय गुजरात दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 82 हजार करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।3 वडोदरा से उनका रोड शो शुरू होते ही सड़क के दोनों ओर हजारों लोग उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़े। वहीं, महात्मा गांधी के एक विशाल पोस्टर के सामने कर्नल सोफिया के पिता ताज मोहम्मद, उनकी मां हलीमा कुरेशी और बहन शायना खड़े हुए दिखाई दिए।4 उन्होंने प्रधानमंत्री पर पुष्पवर्षा की और प्रधानमंत्री ने भी उनकी ओर देखकर हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
सोफिया के पिता ताज मोहम्मद ने उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, “बहुत अच्छा लग रहा है। प्रधानमंत्री को देखा, अद्भुत अनुभव रहा। सोफिया अब सिर्फ मेरी नहीं, भारत की बेटी है। वह अपना कर्तव्य निभा रही है।” सोफिया की मां हलीमा कुरेशी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा, “हमने बहनों के सिंदूर का बदला लिया है।”5
कर्नल सोफिया की जुड़वां बहन शायना ने अपनी बहन पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “जब बहन देश के लिए कुछ करती है तो सिर्फ मैं ही नहीं, पूरा देश प्रेरित होता है। सोफिया अब पूरे देश का गौरव है।”
उल्लेखनीय है कि कर्नल सोफिया गुजरात की रहने वाली हैं।6 ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सेना ब्रीफिंग में वह व्योमिका सिंह और विक्रम मिस्री के साथ उपस्थित थीं।7 अभियान में व्योमिका और सोफिया ने नेतृत्व भी किया था।8 उस दिन उनके दृढ़ लेकिन संयमित टिप्पणी ने पूरे देश का दिल जीत लिया था।
हालांकि, सोफिया की धार्मिक पहचान को लेकर हाल ही में मध्य प्रदेश के भाजपा मंत्री विजय शाह के एक बयान ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। उन्होंने कहा था, “उन्होंने (आतंकवादियों ने) हमारी बहनों का सिंदूर पोंछ दिया था। हमने उन्हीं की बहन को भेजकर बदला लिया है।” इस टिप्पणी को लेकर देश भर में आलोचना का तूफान खड़ा हो गया है और यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। हालांकि कर्नल सोफिया या उनके परिवार ने इस विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
यह घटना ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के साथ-साथ भारतीय समाज में नारी शक्ति और धर्म-निरपेक्षता के एक उज्ज्वल उदाहरण को स्थापित करती है।